नई दिल्ली:
पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप अभी जमानत पर हैं, ऐसे में याचिका पर जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है. 91 साल के सुखराम अभी जमानत पर हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए. दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर, 2011 को निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए सुखराम को 5 जनवरी को ट्रायल कोर्ट के समक्ष समर्पण करने का निर्देश दिया था ताकि सजा काटने के लिए उन्हें जेल भेजा जा सके.
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यह मामला हैदराबाद स्थित एडवांस रेडियो मास्ट्स (एआरएम) प्राइवेट लिमिटेड को लाभ पहुंचाने के लिए की गई संचार उपकरणों की सरकारी खरीद से जुड़ा है. इसके खिलाफ सुखराम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. दिल्ली की एक अदालत ने 1993 के संचार घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले में पूर्व कांग्रेसी नेता सुखराम को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. इस मामले में 10 दिन तिहाड़ जेल में रहने के बाद उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी.
सुखराम और इस मामले के अन्य दोषी एआरएम प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी रामाराव ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.
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सुखराम और इस मामले के अन्य दोषी एआरएम प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पी रामाराव ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.
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