सुप्रीम कोर्ट ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है, जिसने 200 करोड़ रुपये के जबरन वसूली मामले में उनकी जमानत अपील को स्थगित कर दिया था.
न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाश पीठ ने स्पष्ट किया कि मामले में त्वरित कार्यवाही की मांग नहीं की जा सकती.
पीठ ने 14 जून को पारित अपने आदेश में कहा, "विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है. लंबित आवेदन भी खारिज कर दिये जायेंगे.
सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 मई के आदेश के खिलाफ एक एसएलपी दायर की थी, जिसने उनकी जमानत याचिका को जुलाई के लिए स्थगित कर दिया था. पीठ ने कहा कि याचिका 14 मई को उच्च न्यायालय के समक्ष दायर की गई थी और फिर 20 मई को नोटिस जारी किया गया था.
शीर्ष अदालत ने कहा, "आप दो साल और आठ महीने से जेल में हैं, जैसे ही आप अदालत में आते हैं तो आपको आदेश की आवश्यकता होती है." पॉलोज़ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने त्वरित कार्यवाही के लिए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया, पीठ ने कहा, "उच्च न्यायालय के बोर्ड की व्यवस्था करना हमारे लिए नहीं है."
अभियोजन पक्ष के अनुसार चन्द्रशेखर और उनकी पत्नी लीना पॉलोज़ कथित तौर पर धोखाधड़ी और जबरन वसूली के माध्यम से आर्थिक लाभ के उद्देश्य से 2013 से अपने सहयोगियों के साथ एक संगठित अपराध सिंडिकेट चलाने में शामिल थे. चन्द्रशेखर और उनकी पत्नी दोनों को धोखाधड़ी मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए सितंबर 2021 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
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