सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम UPSC जिहाद के मामले (Sudarshan TV Case) में केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि अंतर मंत्रालय कमेटी ने UPSC जिहाद कार्यक्रम के आगे के एपिसोड के प्रसारण पर सलाह देते हुए अपनी सिफारिशें दी हैं. सुदर्शन न्यूज टीवी को समिति की सिफारिशों को संबोधित करने का अवसर दिया जाना चाहिए. मामले में सुदर्शन न्यूज टीवी को एक और नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई को टालने का अनुरोध किया, इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी. मामले में अब 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
डिजिटल मीडिया फैला रहा है जहर, सबसे पहले उसे नियंत्रित करें: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
सुदर्शन टीवी कार्यक्रम पर 15 सितंबर को रोक लगा दी गई थी. पिछली सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई टालने के आग्रह करते हुए बताया था कि सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने चैनल को प्रोग्राम कोड के उल्लंघन के लिए नोटिस भेजा गया है और 28 सितंबर को शाम 5 बजे तक जवाब देने के लिए कहा गया है. इस जवाब के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
'हम सेंसर बोर्ड नहीं है लेकिन...': सुदर्शन टीवी के 'UPSC जिहाद' पर सुप्रीम कोर्ट
गौरतलब है कि सुदर्शन न्यूज ने इस शो में 'सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की घुसपैठ की साजिश' के बड़े एक्सपोज का दावा किया गया है. चैनल के प्रमुख सुरेश चव्हाणके ने UPSC (Union Public Service Commission) के लिए "UPSC जिहाद" शब्द गढ़ा था. यूपीएससी शीर्ष स्तर के ब्यूरोक्रेसी जॉब्सके लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है.
देस की बात: न्यूज चैनलों की दुनिया पर उठते सवाल
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं