
आर्थिक विकास के मोर्चे पर भारत नित-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. इस समय भारत के लिए हर मोर्चे से अच्छी खबरें आ रही हैं. नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत की जीडीपी में 105 फीसदी की बढोतरी हुई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के मुताबिक अभी भारत की जीडीपी 4.3 ट्रिलियन डॉलर है.साल 2015 में यह 2.1 ट्रिलियन डॉलर की थी. अर्थव्यवस्था में सुधार की खबरें लगातार आ रही हैं. आइए नजर डालते हैं भारत में विकास के ऐसे ही चार माइलस्टोन पर.

बदंरगाह और समुद्री परिवहन में गाड़े झंडे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल में विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया.इसका निर्माण पर अदाणी ग्रुप ने करीब 8,900 करोड़ रुपये की लागत से किया है. यह देश का पहला डेडिकेटेट कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है. यह भारत में गहरे पानी का सबसे बड़ा बंदरगाह है.उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह से केरल और देश में आर्थिक स्थिरता आएगी.

विझिंजम पोर्ट भारत में गहरे पानी का सबसे बड़ा बंदरगाह है.
इस अवसर पर पीएम मोदी ने अपनी सरकार के कार्यकाल में समुद्री परिवहन और बंदरगाहों में हुए विकास की भी जानकारी दी.उन्होंने बताया कि बीते 10 सालों में बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हुई है और जलमार्गों का आठ गुना विस्तार हुआ है.आज भारत के दो बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 30 बंदरगाहों में शामिल हैं.इसके साथ ही भारत ने लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स में सुधार किया है तो भारत जहाज बनाने वाले दुनिया के 20 बड़े देशों की सूची में भी शामिल हुआ है.उन्होंने बताया कि 2014 में भारत में नाविकों की संख्या 1.25 लाख से भी कम थी.अब यह संख्या बढ़कर करीब 3.25 लाख हो गई है.इसके साथ भारत सबसे अधिक नाविकों वाले दुनिया के तीन देशों में शामिल हो गया है.

एनएसई में छाए भारतीय निवेशक
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ रही है.भारतीय निवेशकों की संख्या पहली बार विदेशी निवेशकों से अधिक हो गई है. घरेलू निवेशकों ने एनएसई में लिस्टेड कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी 22 साल में पहली बार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) से अधिक कर ली है.

एनएसई में पिछले कुछ समय में म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों जैसे भारतीय घरेलू निवेशकों ने एनएसई में लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में अधिक निवेश किया है.एनएसई में एफपीआई की हिस्सेदारी कुछ समय से घट रही है.एनएसई में म्यूचुअल फंडों ने पिछले कुछ समय में काफी निवेश किया है. इससे एनएसई में 31 मार्च तक उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 10.35 फीसदी थी.म्यूचुअल फंडों ने पिछली तिमाही में 1.16 लाख करोड़ रुपये निवेश किया था. वहीं घरेलू बीमा कंपनियों का निवेश 47 हजार 538 करोड़ का था. एनएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4.79 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है.
जीएसटी कलेक्शन में इजाफा
भारत की अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार अप्रैल में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के कलेक्शन में भी नजर आई.गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जीएसटी कलेक्शन में पिछले महीने के मुकाबले 20.7 फीसदी की बढ़त देखी गई है. अगर हम पिछले साल की तुलना में देखें तो अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन में 12.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2025 में कुल कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. जबकि मार्च 2025 में जीएसटी कलेक्शन 1.96 लाख करोड़ रुपये का था. पिछले साल अप्रैल में 2.10 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था.
इससे पहले इस साल मार्च में जीएसटी कलेक्शन में फरवरी के मुकाबले 10 फीसदी की बढ़त देखी गई थी. इससे कलेक्शन 11 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था. आंकड़ों के मुताबिक मार्च में रिफंड के बाद नेट कलेक्शन में नौ फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी. कुल नेट कलेक्शन 1.76 लाख करोड़ रुपये का था.
हवाई जहाजों में बढ़ती भीड़
भारत में हवाई जहाज में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. इनवेस्टमेंट इनफार्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (आईसीआरए)ने मार्च में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 148.8 लाख रहने का अनुमान लगाया था. सालाना आधार पर इसमें 11.3 फीसदी की बढ़ोतरी है.घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में गर्मी की छुट्टी से पहले ही 11.3 फीसदी की बढ़ोतरी आई है.फरवरी 2025 में 140.4 लाख घरेलू हवाई यात्री थे.आईसीआरए की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल 2024-मार्च 2025) के लिए घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 1,657.1 लाख रही. सालाना आधार पर इसमें 7.8 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई.नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए)के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 161.3 मिलियन थी. यह 2023 के 152 मिलियन की तुलना में 6.12 फीसदी अधिक थी.
भारत के विमानन क्षेत्र के लिए एक बेहतर अनुमान एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई)ने भी लगाया है.एसीआई के मुताबिक 2027 तक भारत में हवाई यात्रियों में बढ़ोतरी की यह दर चीन को पीछे छोड़ देगी. इस संगठन का कहना है कि 2027 में चीन में हवाई यात्रियों की विकास दर 7.2 फीसदी रहेगी तो भारत में 10.3 फीसदी. संगठन ने इस 2025 के लिए चीन में हवाई यात्रियों में बढ़ोतरी की दर 12 फीसदी तो भारत में 10.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.
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