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'मेरे पास केवल सपने थे, सपने कुछ अर्थपूर्ण चीजें करने के...', अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने छात्रों को दी बड़ी सीख

छात्रों को संदेश देते हुए अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि हमारी दुनिया तेजी से बदल रही है. शिक्षक केवल परीक्षा के लिए तैयार नहीं करते बल्कि वो आपको जिंदगी के लिए भी तैयार करते हैं.

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने छात्रों को दिया संदेश

मुंबई:

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने सोमवार को अदाणी इंटरनेशनल  स्कूल (Adani International School) के छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान छात्रों से कहा कि सफलता निजी नहीं होती है. सफलता तो तभी होती है जब आप पूरी दुनिया को बेहतर बनाएं. सफलता के साथ ही आप बेहतर विश्व के लिए भी काम करें. हमारी दुनिया तेजी से बदल रही है. मेरा इस बात में विश्वास है कि शिक्षक केवल परीक्षा के लिए तैयार नहीं करते बल्कि वो आपको जिंदगी के लिए भी तैयार करते हैं.

अदाणी इंटरनेशनल स्कूल में छात्रों को गौतम अदाणी का संदेश

  • गौतम अदाणी ने कहा कि जब मैंने अपनी यात्रा शुरू की थी, तो मेरे पास कोई रोडमैप, रिसोर्स और कनेक्शन नहीं था. मेरे पास केवल सपने थे. सपने कुछ अर्थपूर्ण चीजें करने के. कुछ ऐसे जो मेरा आत्मविश्वास बढ़ाए. मैं हर दिन यह सपने देखता था. 
  • पैरेंटिंग का मतलब महज बच्चे के भविष्य को आकार देना नहीं है, उन्हें देश के भविष्य को बनाने के लिए भी प्रेरित करना है.
  • यहां मौजूद एजुकेटर्स को मेरी सलाह है कि आप  'ड्रीम क्रिएटर्स' हैं. हर पाठ जो आप पढ़ाते हैं, प्रेरणा से भरे हर शब्द जो आप सिखाते हैं, वे जीवन को आकार देते हैं. आज की तेजी से बदलती दुनिया में आपकी भूमिका पहले से ज्यादा अहम है.
  • अपने बच्चों के भविष्य के लिए हमारे स्कूल पर भरोसा करने के लिए धन्यवाद. इन युवा मस्तिष्कों को आकार देने से बड़ी कोई और जिम्मेदारी नहीं हो सकती, जो कल के भारत का भविष्य लिखेंगे. 

'पैरेंटिंग महज बच्चे के भविष्य को आकार देना नहीं होता'

गौतम अदाणी ने आगे कहा कि जब मैंने अपनी यात्रा शुरू की थी, तो मेरे पास कोई रोडमैप, रिसोर्स और कनेक्शन नहीं था. मेरे पास केवल सपने ही थे. सपने कुछ अर्थपूर्ण चीजें करने के. कुछ ऐसे जो मेरा आत्मविश्वास बढ़ाए. मैं हर दिन यह सपने देखता था. पैरेंटिंग का मतलब महज बच्चे के भविष्य को आकार देना नहीं है, उन्हें देश के भविष्य को बनाने के लिए भी प्रेरित करना है. यहां मौजूद एजुकेटर्स को मेरी सलाह है कि आप  'ड्रीम क्रिएटर्स' (Dream Creators ) हैं. हर पाठ जो आप पढ़ाते हैं, प्रेरणा से भरे हर शब्द जो आप सिखाते हैं, वे जीवन को आकार देते हैं.

'कुछ अलग करने की कोशिश करते रहे...'

उन्होंने छात्रों से कहा कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में आपकी भूमिका अब पहले से ज्यादा अहम है. इसलिए निरंतर सपने देखें...छोटी महत्वाकांक्षाओं तक सीमित न रहें. अपनी स्थिति को चुनौती दें और ऐसे समाधान खोजें जो दूसरों को असंभव लगते हैं. इसके साथ ही निरंतर चीजें सीखते रहें. भविष्य अब अधिक प्रतिभाशाली लोगों का नहीं है...यह उन लोगों का है जो सीखने के लिए तैयार हैं. कुछ अलग करने की कोशिश करें. सफलता तब अधिक संतुष्टिदायक होती है जब यह दूसरों को ऊपर ले जाती. मेरा मानना ​​है कि यही सबसे बड़ी गुरु दक्षिणा है.

मैं यहां मौजूद छात्रों और शिक्षार्थियों से अपने जीवन के अनुभवों को साझा करना चाहता हूं. मैं बहुत ही साधारण शुरुआत से आया हूं. मेरा जन्म अहमदाबाद में हुआ था, लेकिन जब मैं तीन साल का था, तब मेरा परिवार बनासकांठा जिले के एक छोटे से शहर देसा चला गया. वापस अहमदाबाद लौटने से पहले मैंने नौ साल की उम्र तक वहां अपने प्रारंभिक वर्ष बिताए.रिसर्च बताती हैं कि दस साल की उम्र से पहले मिले अनुभव और वातावरण एक बच्चे के जीवन को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाते हैं.मेरा मानना ​​है कि बनासकांठा के शुष्क और कठिन हालात ने मेरे सामाजिक व्यवहार को आकार दिया.यदि बनासकांठा में मेरे बचपन के अनुभवों ने मेरे सामाजिक व्यवहार को आकार दिया, तो मेरे माता-पिता ने मेरे मूल्यों को आकार दिया.मैंने देखा कि मेरी मां ने हमारे बड़े संयुक्त परिवार के भीतर सद्भाव और आपसी सम्मान को बनाए रखने के लिए कितनी मेहनत की. उनका साहस, प्यार और दृढ़ता ने हमारे परिवार को एक साथ रखा. दूसरी ओर, मेरे पिता उस काम में थे, जिसे बैंकर्स की भाषा में आज फॉरवर्ड ट्रेड्स कहा जाता है. उन दिनों यह ट्रेड कागजी नहीं, बस दो पार्टियों के बीच मौखिक भरोसे और उनके कमिटमेंट पर चलता था. यह कमिटमेंट कभी विफल नहीं हुआ और मैंने अपने पिता से जो सीखा वह विश्वास की शक्ति थी. जैसे-जैसे मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, मुझे यह कहते हुए कोई संकोच नहीं है कि बनासकांठा में मेरे माता-पिता के साथ बिताए कठिन शुरुआती दिनों ने मेरे शुरुआती विश्वासों को आकार दिया. समय के साथ ये विश्वास मेरे मूल्यों में बदल गए.

'आप इस संस्था के खामोश नायक हैं'

गौतम अदामी ने अदाणी ने स्कूल के शिक्षकों और स्टाफ की तारीफ करते हुए कहा कि आप इस संस्था के वे खामोश नायक हैं, जिनके बेशकीमती हाथ इस पीढ़ी को आकार दे रहे हैं. भले ही आपका प्रयास तुरंत दिखाई न पड़े, लेकिन आपका अपने समर्पण से वे बीज बो रहे हैं, जो एक दिन महानता में विकसित होंगे. मैं आपको सलाम करता हूं.

'असफलताओं से घबराएं नहीं'

उन्होंने छात्रों से कहा कि असफलताएं आएंगी, और बाधाएं आपकी परीक्षा लेंगी, लेकिन यह याद रखें कि असफलता सफलता के विपरीत नहीं है. यह सफलता का सबसे महत्वपूर्ण साथी है. मुझे उम्मीद है कि आप सभी अपने रास्ते पर चलते हुए इसे सीखेंगे. हमारी यात्रा केवल व्यवसाय के बारे में नहीं है. हमने जो भी निर्णय लिया, जो भी जोखिम उठाया, वह एक लक्ष्य से प्रेरित था. हम ऐसा कुछ कैसे बना सकते हैं जो अधिक से अधिक अच्छे के लिए काम करे?  बच्चों को सिर्फ माता पिता की संपत्ति ही नहीं मिलती; उन्हें आपके मूल्य भी मिलते हैं. उन्हें दूसरों की सेवा करना सिखाएं उन्हें खोज करने, कुछ नया करने और सपने देखने के लिए प्रोत्साहित करें.

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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