कुरुक्षेत्र के झांसा थाना क्षेत्र के गोरखा गांव में दो दिनों से लापता एक युवक का नहर से शव बरामद हुआ है. बताया जाता है कि मृतक 23 साल का दीपक कनाडा का वीजा नहीं मिलने से मानसिक रूप से परेशान था और कथित रूप से उसने नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली. वहीं उसकी मौत के एक दिन बाद वीजा आया.
लोग इसे एक अजीब संयोग कह रहे हैं कि जिस दिन दीपक लापता हुआ और उसने नहर में कूदकर अपनी जान दे दी, उसी के अगले दिन उसका वीजा लग गया. लेकिन उसे बताया नहीं जा सका. ग्रामीणों का कहना है कि उसका किसी से कोई मनमुटाव नहीं था. विदेश जाने के लिए उसने लंबे समय से वीजा अप्लाई किया हुआ था और इसी वजह से वो परेशान था.
पुलिस को शक है कि शाहबाद सब-डिवीजन के गांव गोरखा के विकेश सैनी उर्फ दीपक ने जानसा शहर के पास नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या की है. उसके दोस्त को पहले ही छात्र वीजा मिल गया था, जबकि उसे नहीं मिला था, इसीलिए वो परेशान था.
उनके परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई और दो बहनें हैं. एक रिश्तेदार ने बताया कि ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के बाद वह कनाडा में पढ़ाई कर वहीं बसना चाहता था.
गोरखा गांव के पूर्व सरपंच और एक पारिवारिक मित्र गुरनाम सिंह ने कहा, "गुरुवार को उसका वीजा आया था. लेकिन तब तक वह पहले से ही गायब था. वहीं जब से कनाडा के लिए उसके दोस्त का वीजा आया, तब से वह परेशान था. परिवार भी अपने बेटे को बेहतर जीवन के लिए कनाडा भेजना चाहता था."
गुरुवार को तलाशी के दौरान परिवार को नरवाना शाखा नहर से उसकी चप्पल और मोटरसाइकिल दिखाई दी, जिसके बाद गोताखोरों को लगाया गया. क्षेत्र के थाना प्रभारी राजपाल सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक जांच शुरू कर दी है, लेकिन इसे आत्महत्या का मामला मान रही है.
कोविड में ढील के बाद भी छात्र वीजा में देरी एक समस्या रही है. कनाडा के अलावा इस प्रक्रिया में लगभग छह महीने लग रहे हैं, यूके और यूएस को आवेदनों पर कॉल करने में सामान्य से अधिक समय लग रहा है. ये देरी एक विश्वव्यापी समस्या बनी हुई है.
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने हाल ही में कहा, "भारतीय नागरिकों को छात्र वीजा के लिए ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चेक गणराज्य, जर्मनी, न्यूजीलैंड, पोलैंड, यूके और यूएसए के साथ काम करने वाले विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन देशों के मिशन प्रमुखों और वरिष्ठ राजनयिकों के साथ रचनात्मक चर्चा की है."
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