संसद कर्मियों को संसद भवन परिसर में तस्वीरें नहीं खींचने और वीडियो नहीं बनाने की हिदायत दी गई है. सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत इस तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित हैं. संसद भवन के कार्यवाहक संयुक्त सचिव (सुरक्षा) ने एक परिपत्र में कहा है कि बार-बार निर्देशों के बावजूद कुछ अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. गत 19 जनवरी की तारीख में जारी परिपत्र के अनुसार, ‘‘संसद भवन परिसर भारत में सबसे अधिक खतरे का सामना करने वाली जगहों में शामिल है. इसकी रणनीतिक सुरक्षा व्यवस्था के तहत संसद भवन परिसर में फोटोग्राफी/वीडियो बनाने पर पाबंदी भी सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है.''
इसमें कहा गया है कि कैमरे, जासूसी कैमरे और स्मार्टफोन से परिसर की सुरक्षा को प्रत्यक्ष खतरा है. उसने लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों तथा संसद भवन संपदा में कार्यरत अन्य सहयोगी एजेंसियों के सभी अधिकारियों और कर्मियों को सूचित किया कि संसद भवन परिसर के अंदर किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी पर सख्त प्रतिबंध है. परिपत्र में कहा गया, ‘‘जिन अधिकारियों/आगंतुकों को मोबाइल फोन/स्मार्टफोन के साथ आने की अनुमति है, उनके भी संसद भवन परिसर में किसी तरह की फोटोग्राफी करने पर सख्ती से प्रतिबंध रहेगा.''
इसमें कहा गया कि संसद, सांसदों और अन्य गणमान्यों तथा कर्मियों की सुरक्षा संसद सुरक्षा सेवा की प्राथमिकता है. संसद के 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले यह परिपत्र जारी किया गया है. संसद के पिछले सत्र में सुरक्षा में चूक की एक घटना में लोकसभा में दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन में कूद गए थे.
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