माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने एक बयान में कहा कि शनिवार की भगदड़ ‘‘तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच झगड़े के कारण हुई.'' बोर्ड ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महामारी के मद्देनजर 50 हजार की क्षमता के मुकाबले केवल 35,000 श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति दी गई थी. जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में नववर्ष के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए.
बोर्ड ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो कि बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, को तड़के तीन बजे भगदड़ की सूचना दी गई और वह तब से लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. बोर्ड ने इस दुखद घटना पर एक विस्तृत बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने प्रतिदिन यात्रा की सामान्य क्षमता को 50,000 तक सीमित कर दिया है. कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए, 35000 तीर्थयात्रियों को 31 दिसंबर 2021 और एक जनवरी 2022 को यात्रा के लिए अनुमति दी गई थी.''
बयान में कहा गया है कि एक जनवरी को रात लगभग 2:15 बजे श्री माता वैष्णो देवी भवन के गेट नंबर तीन के पास भगदड़ मच गई. बयान में कहा गया है, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच झगड़े के कारण भगदड़ मच गई. इस घटना में कुल 12 तीर्थयात्रियों की जान चली गई और 16 अन्य घायल हो गए.''
बयान में कहा गया है कि बोर्ड के साथ-साथ रियासी जिला प्रशासन ने विशेष उपचार के लिए मेडिकल यूनिट भवन में प्राथमिक उपचार प्रदान करने के बाद घायल तीर्थयात्रियों को तुरंत श्री माता वैष्णो देवी नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया. इसमें कहा गया है कि 10 पुरुषों और दो महिलाओं समेत मृतकों के शवों को पहचान और कानूनी औपचारिकताओं के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटरा लाया गया.
बोर्ड ने कहा, ‘‘केंद्र शसित प्रदेश के प्रशासन के सहयोग से श्राइन बोर्ड प्रशासन ने मारे गए 12 तीर्थयात्रियों में से दो को विमानों और नौ के शवों को सड़क मार्ग से उनके पैतृक स्थानों पर ले जाया गया. केवल एक शव को जीएमसी से वायु मार्ग से कल सुबह ले जाया जाएगा.'' उसने बताया कि श्री माता वैष्णो देवी नारायण अस्पताल, ककरियाल में भर्ती घायलों में से नौ को छुट्टी दे दी गयी है जबकि सात घायलों का अब भी वहां इलाज चल रहा है.
बोर्ड ने कहा कि उपराज्यपाल ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की है और घटना की जांच के लिए प्रधान सचिव (गृह) की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की है. उपराज्यपाल ने बताया कि उन्होंने घटना के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जानकारी दी.
बयान में उपराज्यपाल के हवाले से कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. भगदड़ के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों में से प्रत्येक को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी और घायलों को दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे. श्राइन बोर्ड घायलों के इलाज का खर्च वहन करेगा.'' बाद में वह घायलों से मिलने नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल भी गए.
उपराज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘‘डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर है और वरिष्ठ स्वास्थ्य कर्मी उनकी देखभाल कर रहे हैं. डॉक्टरों तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मरीजों को बेहतर देखभाल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. नारायण अस्पताल में लाए गए 16 घायलों में से नौ को छुट्टी दे दी गई है और सात का इलाज चल रहा है. उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.''
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने एक हेल्पलाइन बनाई है जिस पर फोन नंबर 01991-234804 और 01991-234053 पर संपर्क किया जा सकता है. बयान में कहा गया है कि जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई हेल्पलाइन : डीसी रियासी नियंत्रण कक्ष : 01991- 245763/9419839557, पीसीआर कटरा : 01991-232010/9419145182 और पीसीआर रियासी : 01991245076/9622856295 हैं.
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