दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पार्टी के प्रदर्शन को लेकर नेताओं से मुलाकात करने का कार्यक्रम बनाया है. इसी क्रम में, चांदनी चौक से पूर्व विधायक अलका लांबा ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर दिल्ली में खराब प्रदर्शन का कारण बताया. पार्टी ने दिल्ली में 2003 से लेकर 2013 तक शासन किया था. लांबा ने कहा कि उन्होंने (सोनिया) चुनाव नतीजों और राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को मजबूत करने के लिए कदम उठाने को लेकर बातचीत की. लांबा ने कहा कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों से मुलाकात करेंगी, और समर्थन देने के लिए लोगों को धन्यवाद देंगी.
अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा था और वह 2020 विधानसभा चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं. कई कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में पार्टी के खराब प्रदर्शन का ठीकरा दिल्ली प्रभारी पीसी चाको पर फोड़ा है. दूसरी तरफ, चाको ने कहा कि कांग्रेस का खराब प्रदर्शन 2013 से शुरू हो गया था, जब शीला दीक्षित प्रदेश में पार्टी की अगुवाई कर रही थीं. बाद में हालांकि उन्होंने ऐसे किसी भी बयान से इनकार कर दिया, लेकिन इससे दिल्ली कांग्रेस के अंदर एक और विवाद जरूर पैदा हो गया.
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इस बीच हार के बाद पार्टी में उथल-पुथल का माहौल और बयानबाजी का दौर जारी है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भी कहा कि पार्टी को अपनी विचारधारा बदलने की जरूरत है. सिंधिया ने कहा, 'पार्टी के लिए यह बेहद निराशाजनक है. एक नई विचारधारा और एक नई कार्य प्रक्रिया की तत्काल जरूरत है. देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ जुड़ने के लिए सोच बदलनी होगी. उधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी पार्टी में बड़े बदलाव की वकालत की. जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि हमें खुद को मजबूत करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सत्ता खोने के छह साल बाद भी 'हम में से कुछ' ऐसा व्यवहार करते हैं जैंसे 'हम अभी भी मंत्री हैं.'
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