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This Article is From Mar 03, 2017

सेना 'सहायकों' से घरेलू काम करवाए जाने वाले वीडियो में दिखाई दिए आर्मी जवान रॉय मैथ्यू का शव लटका मिला

सेना 'सहायकों' से घरेलू काम करवाए जाने वाले वीडियो में दिखाई दिए आर्मी जवान रॉय मैथ्यू का शव लटका मिला
सेना में 'सहायकों' के रोल से जुड़े वीडियो में रॉय मैथ्यू का चेहरा छुपा दिया गया था
मुंबई: हाल ही में एक वेबसाइट ने सेना में ब्रिटिश राज से चले आ रहे 'सहायक' सिस्टम की पोल खोली थी. इस प्रणाली का शिकार रहे एक 33 साल के जवान का शव गुरुवार को एक बैरक में टंगा हुआ मिला. महाराष्ट्र के देवलाली कैंटोनमेंट में गनर के पद पर कार्यरत रॉय मैथ्यू पिछले शनिवार से ही बिना छुट्टी के गायब थे. मैथ्यू का शव एक खाली पड़े बैरक में गल चुकी अवस्था में मिला. पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम से ही पता चल पाएगा कि यह सुसाइड है या हत्या का मामला. पुलिस ने कहा कि मैथ्यू के शव की हालत देखकर लगता है कि उसकी मौत तीन दिन पहले हुई होगी. वहीं सेना ने जांच का आदेश दे दिया है.

सेना के सू्त्रों ने उन खबरों को नकारा है जिसमें कहा गया है कि स्टिंग वीडियो के खुलासे के बाद मैथ्यू से पूछताछ की गई थी. गौरतलब है कि इस वीडियो में जवानों को 'सहायक ड्यूटी' करते हुए अपने वरिष्ठ अधिकारियों के कुत्तों को घुमाते हुए और उनके बच्चों को स्कूल छोड़ने का काम करते हुए दिखाया गया था. बताया जा रहा है कि वेबसाइट के स्टिंग ऑपरेशन के बाद जवान की तो पहचान नहीं हो पाई थी क्योंकि उसका चेहरा छुपाया गया था लेकिन वीडियो के बाद मैथ्यू ने दबाव में आकर अपने अधिकारी को एक 'सॉरी' का एसएमएस भेजा था. सूत्रों के मुताबिक वह बिना AWOL (बिना छुट्टी के अनुपस्थित होना) के चला गया था और पुलिस को इसकी जानकारी दे दी गई थी.

वहीं वीडियो को वेबसाइट से हटा दिया गया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह के वीडियो के बाद मैथ्यू ने इस वेबसाइट से संपर्क किया था. प्रताप सिंह ने जनवरी में एक वीडियो बनाया था जिसमें उन्होंने दिखाया था कि किस तरह जवानों से बतौर सहायक छोटे छोटे काम करवाए जाते हैं. लांस नायक सिंह ने यूट्यूब पर यह वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें अपने वरिष्ठों के कपड़े धोने पड़ते हैं, साथ ही बूट पॉलिश और कुत्तों को घुमाने का काम भी करना पड़ता है. एक चिट्ठी में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इस बाबत शिकायत भी की थी.

मैथ्यू को केंद्र में एक कर्नल रैंक के अधिकारी के साथ ‘सहायक ड्यूटी’ में लगाया गया था. केरल स्थित मैथ्यू के परिवार के अनुसार मैथ्यू ने उन्हें 25 फरवरी को आखिरी बार फोन किया था और जिस तरह से वह बात कर रहा था उससे लग रहा था कि वह डरा हुआ था. मैथ्यू ने उन्हें बताया था कि उसने हाल में एक मीडियाकर्मी से सेना में सैनिकों की दिक्कतों के बारे में बात की थी. मैथ्यू ने दावा किया कि उन्होंने यह बातें यह सुनिश्चित करने के बाद कही थी कि इसे रिकॉर्ड नहीं किया जा रहा है. यद्यपि बाद में वह तब यह जानकर हैरान हो गया कि उसका साक्षात्कार गुप्त तरीके से रिकॉर्ड किया जा रहा था क्योंकि बाद में वीडियो वायरल हो गया था. मैथ्यू ने अपने रिश्तेदारों को बताया कि उसे भय है कि उसकी नौकरी चली जाएगी और उसे इसके परिणाम का सामना करना होगा. केरल में मैथ्यू के परिवार ने बताया कि उस आखिरी कॉल के बाद मैथ्यू ने उन्हें फोन नहीं किया. पुलिस ने बताया कि देओलाली शिविर पुलिस ने सुबेदार गोपाल सिंह की शिकायत पर दुर्घटना में मृत्यु का मामला दर्ज कर लिया है. यद्यपि मौत के कारण का अभी पता नहीं चला है. पुलिस ने मैथ्यू का शव प्रारंभिक औपचारिकताओं के बाद सेना को सौंप दिया है.

(इनपुट भाषा से...)

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