उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है. वहीं निचले क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. केदारनाथ धाम में डेढ़ फीट तक बर्फ जम चुकी है, जिस कारण पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे मजदूर धीरे-धीरे सोनप्रयाग लौटने लगे हैं. जो मजदूर केदारनाथ धाम में हैं, वे तीर्थ पुरोहित, प्रशासनिक एवं हॉस्पिटल भवन के भीतर का कार्य कर रहे हैं. अगर ठंड का प्रकोप ज्यादा बढ़ता है तो बाकी बचे मजदूर भी दस जनवरी से पहले नीचे की ओर लौट आयेंगे. अभी धाम में 80 के करीब मजदूर ही निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं.
मशीनों के पहिये जमे
लगातार हो रही बर्फबारी के कारण निर्माण कार्यों को करना मुश्किल हो रहा है. पोकलैंड और जेसीबी जैसी भारी मशीनों के पहिये जाम हो गए हैं. धाम में सुबह और रात के समय ठंड ज्यादा ही बढ़ गई है. मजदूरों को भी परेशानियां हो रही हैं. धाम में पेयजल लाइन भी जाम हो गई है. हालांकि बिजली व्यवस्था चाक-चौबंद है और प्राइवेट कंपनियों के नेटवर्क भी चल रहे हैं. पानी की किसी तरह से व्यवस्था की जा रही है.
पर्यटकों की भीड़ उमड़ी
नैनीताल में भी नए साल और बर्फबारी का मजा लेने पर्यटकों की भीड़ लगानी शुरू हो गयी है. भीड़ नियंत्रण के इंतजाम भी किये जा रहे है. अधिकतर होटलों के कमरे पहले ही बुक हो गए हैं.
दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में बर्फबारी के बाद तीन राष्ट्रीय राजमार्गों समेत कुल 134 सड़कें बंद कर दी गई हैं. न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण लोग कड़ाके की ठंड से ठिठुरते रहे हैं. प्रदेश में लाहौल और स्पीति जिले का ताबो सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां रात का तापमान शून्य से 10.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि अटारी और लेह, कुल्लू जिले में सैंज से औट, किन्नौर जिले में खाब संगम और लाहौल और स्पीति जिले में ग्रामफू सहित तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 134 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं.
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