
यूपी के किरायेदारों के वेरिफिकेशन के लिए बनाए गए ऐप 'UPCOP' को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस ऐप में किरायेदारों के प्रोफेशन के लिए बनाए गए ड्रॉपडाउन में आपत्तिजनक चीजें शामिल की गईहैं. इसमें भाड़े के हत्यारे, तस्कर और जुआरी जैसे अपराधों को प्रोफेशन की विकल्प लिस्ट में शामिल किया गया है.
UPCOP ऐप ने प्रोफेशन ड्रॉपडाउन मेन्यू में "बूटलेगर, "ड्रग ट्रैफिकर", "दलाल" और "वेश्या" जैसे आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल प्रोफेशन के लिए किया गया है.
एक उपयोगकर्ता को जवाब देते हुए यूपी पुलिस ने रविवार को कहा कि ड्रॉपडाउन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा तैयार किए गए मास्टर डेटा पर आधारित था.
UP COPS एप्प में टीनैंट वेरिफिकेशन हेतु ‘व्यवसाय' वाले कॉलम में ‘भाड़े के हत्यारे' को भी ड्रॉप डाउन में डाला गया है। @noidapolice @Uppolice @CMOfficeUP इसका संज्ञान लें। pic.twitter.com/5di6fZfqVy
— Azad Singh 🇮🇳 (@azad1508india) April 20, 2024
पुलिस ने कहा, "इस मामले को संज्ञान में लाने के लिए धन्यवाद. ड्रॉपडाउन एनसीआरबी द्वारा भरे गए मास्टर डेटा पर आधारित है. अन्य राज्यों ने भी संबंधित एजेंसी के साथ इस मुद्दे को उठाया है. हम इसको ठीक करवाने के लिए काम कर रहे हैं.
हालांकि आज इस ऐप को चेक करने से पता चला कि इस गलती को सुधार लिया गया है. इस ऐप का इस्तेमाल किरायेदार के वेरिफिकेशन के अलावा कर्मचारी और घरेलू सहायता करने वालों के वेरिफिकेशन के लिए भी किया जाता है.
इस ऐप के गूगल पे स्टोर और ऐप स्टोर पर 10 लाख से ज्यादा डाउनलोड हैं. इसका उपयोग पुलिस शिकायतें दर्ज करने और यूपी पुलिस विभाग से संबंधित अनुरोध करने के लिए भी किया जाता है.
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