पटना कॉलेज में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा. कॉलेज में छात्र संगठन आईसा ने जेपी नड्डा के खिलाफ नारेबाजी की, साथ ही उनकी कार का घेराव भी किया. भाजपा अध्यक्ष पटना कॉलेज में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे. वो जैसे ही कैंपस में पहुंचने के बाद अपनी गाड़ी से बाहर निकले तो छात्रों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. मामले को बढ़ता देख जेपी नड्डा अपनी कार में वापस बैठ गए. इसके बाद भी छात्र नहीं रुके, उन्होंने उनकी कार को भी घेर लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्र पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की भी मांग करते सुने जा सकते हैं. जेपी नड्डा खुद भी पटना कॉलेज के छात्र रह चुके हैं. खास बात ये है कि जेपी नड्डा के खिलाफ पटना कॉलेज में उस वक्त विरोध प्रदर्शन हो रहा है जब राज्य में NDA गठबंधन की सरकार है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या राज्य सरकार और पुलिस को इस विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की पहले से कोई सूचना कैसे नहीं मिली.
अपनी सरकार होने के बाबजूद आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष@JPNadda को पटना कॉलेज में छात्र संघटन AISA के छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा .इस विरोध की भनक राजधानी पटना में @NitishKumar के किसी ख़ुफ़िया विभाग से लेके पुलिस तक को नहीं लगी@ndtvindia pic.twitter.com/HYALP16vCc
— manish (@manishndtv) July 30, 2022
गौरतलब है कि इन दिनों बिहार की राजधानी पटना में बीजेपी एक बड़ी बैठक का आयोजन करा रही है. बिहार में लंबे अरसे बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ऐसी किसी बैठक का आयोजन करा रहा ही. इस बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष नेता जिनमें गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा भी शामिल हैं, देश भर के वरिष्ठ पार्टी नेताओं से संवाद कर रहे हैं. हालांकि, BJP की इस बैठक को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार खासे उत्साहित नहीं दिख रहे हैं. यही वजह है कि वह इस बैठक से दूरी बना सकते हैं.
पटना में दो दिवसीय इस बैठक में देशभर से बीजेपी के 750 से ज्यादा नेता शामिल हो रहे हैं. उधर, जनता दल यूनाइटेड इस बैठक को लेकर असहज होते दिख रहे हैं. नीतीश कुमार के समर्थक बीजेपी की इस बैठक के आयोजन के समय को लेकर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य इन दिनों भीषण सूखे से जूझ रहा है. जिस तरह से पटना शहर इस बैठक को लेकर होडिंग्स और बैनर से पटा पड़ा है, उससे यह सवाल तो जरूर उठता है कि आखिर ऐसे में इस बैठक के आयोजन की क्या जरूरत थी. फिलहाल बिहार में कोई चुनाव भी नहीं होने हैं, ऐसे में इस तरह की बैठक के लिए पटना को चुनना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है.
जेडीयू से जुड़े सूत्र के अनुसार इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि इस बैठक के बाद बीजेपी के नेता राज्य के 200 विधानसभा क्षेत्रों में अपने नेताओं द्वारा रात्रि विश्राम की योजना बना रही है. खास बात ये है कि इन विधानसभा क्षेत्रों में जेडीयू द्वारा जीती गई सीटें शामिल नहीं हैं. सीएम नीतीश कुमार ये चाहते हैं कि बीजेपी विधानसभा चुनाव के दौरान जिन 121 सीटों पर लड़ी थी उसी पर रात्रि विश्राम की योजना बनाए.
पार्टी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इस बात से भी आशंकित हैं कि भाजपा 200 विधानसभा क्षेत्रों में अपने नेताओं द्वारा रात्रि विश्राम की योजना बना रही है - जद (यू) द्वारा जीती गई 43 सीटों को छोड़कर। पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि श्री कुमार भाजपा नेताओं को पसंद करते कि वे विधानसभा चुनाव के दौरान सीट बंटवारे के समझौते के तहत मिली 121 सीटों पर ही डेरा डालें.
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