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6 हाथियों की मौतों से हड़कंप, जंगल में मिले तीन सड़े-गले शव; आखिर वजह क्या?

स्थानीय लोगों का आरोप है कि इलाके में निगरानी की कमी है. हालांकि वन अधिकारियों का कहना है कि गहन वैज्ञानिक जांच चल रही है. हाथियों की मौतों की वजह अभी साफ नहीं है. इसीलिए संयुक्त टीम फोरेंसिक और पोस्टमार्टम विश्लेषण पूरा होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी. 

6 हाथियों की मौतों से हड़कंप, जंगल में मिले तीन सड़े-गले शव; आखिर वजह क्या?
तमिलनाडु में हाथियों की मौत की हो रही जांच.
  • तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में पिछले ढाई महीनों में छह हाथियों की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हुई है.
  • तीन हाथी भैमाला के निजी जंगल में जलाशय के पास सड़े-गले शवों के रूप में पाए गए.
  • तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ने हाथियों की मौत की जांच के लिए संयुक्त टीम गठित कर नमूने एकत्रित किए हैं.
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वेल्लोर:

तमिलनाडु में इन दिनों हाथियों की मौतों से हड़कंप मचा हुआ है. अब तक छह हाथियों की जानें पिछले ढाई महिने में जा चुकी है. इसकी वजह कोई नहीं जानता. अब वेल्लोर जिले में गुरुवार को एक जंगल में तीन हाथी रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाए गए. तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश ने इस मामले में संयुक्त जांच शुरू कर दी है. मृत हाथी भैमाला में पाए गए, जो कि कोंडापल्ली आरक्षित वन से सटा एक निजी जंगल है. कौंडिन्य वन्यजीव अभयारण्य एक अंतरराज्यीय एलीफेंट कॉरिडोर है. 

जलाशय के पास मिले हाथियों के सड़े-गले शव

अधिकारियों के मुताबिक, नियमित गश्ती के दौरान फील्ड स्टाफ ने एक जलकुंड के पास दो हाथियों के सड़े-गले शव देखे, जिनमें एक छोटा हाथी शामिल था. यह जगह तमिलनाडु की सीमा के भीतर और आंध्र प्रदेश की सीमा से लगभग 4-5 किलोमीटर दूर है.

मामले की सूचना मिलते ही विल्लुपुरम के मुख्य वन संरक्षक, आईएफएस ए. पेरियासामी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम अरिग्नार अन्ना प्राणी उद्यान के वन पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीधर के साथ घटनास्थल पर पहुंची. एआईडब्ल्यूसी की एक फोरेंसिक टीम ने भी हाथियों की मौत की वजह का पता लगाने के लिए नमूने एकट्ठे करने में मदद की.

हाथियों की मौत की वजह क्या?

 इलाके में हाथियों के झुंडों की आवाजाही की वजह से आंध्र प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने चित्तूर संभाग के अधिकारियों को जांच में शामिल किया है. विभाग ने कहा कि हाथियों की मौत की वजह पता करने के लिए सभी संभावित नमूने एकट्ठे किए जाएंगे और उनका विश्लेषण किया जाएगा.

बता दें कि सधागुर पहाड़ी गांव के स्थानीय पशुपालकों ने हाथियों के शवों को सबसे पहले देखा था. एक शव जलाशय में और दो उसके किनारे पर पड़े  थे. उसने तुरंत वन अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. तमिलनाडु के करीब 60 वनकर्मी और आंध्र प्रदेश के 13 अधिकारी जांच के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए. हाथियों की मौतों से गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं. क्योंकि इस क्षेत्र में हाल के हफ़्तों में हाथियों की कई मौतें हुई हैं.

ढाई महीनों में 6 हाथियों की मौत

 हाल ही में वेल्लोर वन क्षेत्र के एक अन्य हिस्से में कथित तौर पर तीन और हाथियों की मौत हुई थी इसके बाद पिछले ढाई महीनों में मरने वाले हाथियों की कुल संख्या छह हो गई है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इलाके में निगरानी की कमी है. हालांकि वन अधिकारियों का कहना है कि गहन वैज्ञानिक जांच चल रही है. हाथियों की मौतों की वजह अभी साफ नहीं है. इसीलिए संयुक्त टीम फोरेंसिक और पोस्टमार्टम विश्लेषण पूरा होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी. 

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