
17 अगस्त 2021 को राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने अदालत में याचिका दायर की थी और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी का उन्हें नियमित दर्शन पूजन की अनुमति मांगी थी. साथ ही दूसरे ग्रहों के भी दर्शन पूजन की अनुमति की गुहार लगाई थी. 8 अप्रैल 2022 को कोर्ट ने वकील कमिश्नर नियुक्त करते हुए 20 अप्रैल को इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी. एडवोकेट कमिश्नर ने 19 अप्रैल को सर्वे करने की तिथि से अदालत को अवगत कराया. इसके 1 दिन पहले 18 अप्रैल को जिला प्रशासन ने शासकीय अधिवक्ता के जरिए याचिका दाखिल कर वीडियोग्राफी फोटोग्राफी पर रोक लगाने की मांग की थी. 20 अप्रैल को निचली अदालत ने सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने 26 अप्रैल को मामले में सुनवाई का आदेश दिया था.
26 अप्रैल 2022 कोर्ट ने ईद के बाद कमीशन की कार्यवाही को पूर्ण करने का निर्देश देते हुए तीन दिनों के अंदर सर्वे पूरा कर 10 मई को संबंधित रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट करने का आदेश दिया था. 6 मई को वकील कमिश्नर अजय मिश्र के मौजूदगी में कमीशन की कार्यवाही की शुरुआत हुई, पहले दिन सिर्फ मस्जिद के बाहर के हिस्से की वीडियोग्राफी पूरी हो सकी.
7 मई वकील कमिश्नर की कार्रवाई से संतुष्ट ना होने पर मुस्लिम पक्षकारों ने सिविल जज की अदालत में निष्पक्षता का आरोप लगाते हुए एक एप्लीकेशन दायर की थी. इस एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 9 मई को एडवोकेट कमिश्नर और वादी पक्ष के लोगों को अपना पक्ष रखने का समय दिया था. 9 मई को एडवोकेट कमिश्नर और वादी पक्ष ने अदालत के सामने अपना पक्ष रखा. 9 मई को ही श्रृंगार गौरी मंदिर पक्ष के वकील ने एक फ्रेश एप्लीकेशन दायर की और उसमें ज्ञानवापी मस्जिद और बैरिकेडिंग के अंदर जाकर वीडियोग्राफी और सर्वे करने की अनुमति मांगी. साथ ही ये भी कहा कि वीडियोग्राफी के दौरान दोनों पक्ष के वकील और वादी प्रतिवादी के अलावा दूसरा कोई ना हो जिससे कार्य सुचारू रूप से सुनिश्चित हो सके. अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर की सफाई के साथ इस एप्लीकेशन पर भी मस्जिद कमेटी के वकील से जवाब मांगते हुए सुनवाई जारी रखी और 10 मई को सुनवाई करने की बात कही.
आज दोपहर के बाद मामले पर होगी सुनवाई
10 मई को अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर वाले मैटर की सुनवाई पूरी कर उसे सुरक्षित रख लिया और मंदिर पक्ष के वकील की तरफ से दायर फ्रेश एप्लीकेशन पर सुनवाई शुरू की. जिसमें मस्जिद पक्ष के वकील ने 1 हफ्ते का समय मांग रहे थे. लेकिन अदालत ने 1 हफ्ते का समय न देते हुए 11 मई को अपनी बात रखने को कहीं. 11 मई यानी आज दोपहर के बाद इस मामले पर फिर सुनवाई होगी. अदालत के पास एडवोकेट कमिश्नर की निष्पक्षता के एप्लीकेशन पर भी अपना आदेश देना है और मंदिर पक्ष के वकील द्वारा दायर फ्रेश एप्लीकेशन के संबंध में भी आदेश देना है.
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