महाराष्ट्र विधानसभा (फाइल फोटो)
मुंबई:
शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्य के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते अपना आपा खो बैठे. मुद्दा था महाराष्ट्र से विदर्भ को अलग करने का. खबर थी कि बीजेपी सांसद नाना पटोले ने लोकसभा में इस मांग को लेकर निजी बिल पेश किया. इस पर महाराष्ट्र विधानमंडल में भारी हंगामा हुआ.
विपक्ष के साथ शिवसेना और भाजपा भी आमने-सामने
महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों की शुरुआत ही हंगामेदार रही. विपक्ष ने बीजेपी सांसद के पृथक विदर्भ के बिल को मुद्दा बनाते हुए सदन का कामकाज रोका. इससे सत्तापक्ष और विपक्ष में संघर्ष की स्थिति बन गई. अजीबोगरीब स्थिति तब देखने को मिली जब बीजेपी के विदर्भ से चुनकर आए विधायक और शिवसेना के विधायक आमने-सामने आ गए.
मंत्री विनोद तावड़े ने किया बीचबचाव
बीजेपी विधायकों की सदन में महाराष्ट्र से अलग होने की मांग उठाना शिवसेना के विधायकों को नागवार गुजरा. इसी का नतीजा था कि शिवसेना के नेता दिवाकर रावते अपना आपा खो गए और बीजेपी विधायकों की ओर दौड़ पड़े. हालात को भांपकर बीजेपी के मंत्री विनोद तावड़े को सदन में बीचबचाव कर हालात को काबू में लाना पड़ा.
...तो मंत्री पद पर नहीं रहेंगे
सदन से बाहर निकलकर मिडिया कर्मियों से बातचीत में दिवाकर रावते ने कहा कि ''महाराष्ट्र के दो हिस्से करने का प्रस्ताव शिवसेना को मंजूर नहीं है। अगर इसे आगे ले जाने की पहल होती है तो हम अपने मंत्री पद पर नहीं रहेंगे।''
इधर हंगामा, उधर बिल पेश ही नहीं हुआ
दूसरी तरफ विपक्ष ने दोनों सदनों का कामकाज होने नहीं दिया। इसके चलते विधानमंडल की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे भी रोचक बात यह रही कि जिस निजी बिल को लेकर यह पूरा हंगामा खड़ा हुआ वह बिल लोकसभा में पेश हुआ ही नहीं।
विपक्ष के साथ शिवसेना और भाजपा भी आमने-सामने
महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों की शुरुआत ही हंगामेदार रही. विपक्ष ने बीजेपी सांसद के पृथक विदर्भ के बिल को मुद्दा बनाते हुए सदन का कामकाज रोका. इससे सत्तापक्ष और विपक्ष में संघर्ष की स्थिति बन गई. अजीबोगरीब स्थिति तब देखने को मिली जब बीजेपी के विदर्भ से चुनकर आए विधायक और शिवसेना के विधायक आमने-सामने आ गए.
मंत्री विनोद तावड़े ने किया बीचबचाव
बीजेपी विधायकों की सदन में महाराष्ट्र से अलग होने की मांग उठाना शिवसेना के विधायकों को नागवार गुजरा. इसी का नतीजा था कि शिवसेना के नेता दिवाकर रावते अपना आपा खो गए और बीजेपी विधायकों की ओर दौड़ पड़े. हालात को भांपकर बीजेपी के मंत्री विनोद तावड़े को सदन में बीचबचाव कर हालात को काबू में लाना पड़ा.
...तो मंत्री पद पर नहीं रहेंगे
सदन से बाहर निकलकर मिडिया कर्मियों से बातचीत में दिवाकर रावते ने कहा कि ''महाराष्ट्र के दो हिस्से करने का प्रस्ताव शिवसेना को मंजूर नहीं है। अगर इसे आगे ले जाने की पहल होती है तो हम अपने मंत्री पद पर नहीं रहेंगे।''
इधर हंगामा, उधर बिल पेश ही नहीं हुआ
दूसरी तरफ विपक्ष ने दोनों सदनों का कामकाज होने नहीं दिया। इसके चलते विधानमंडल की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे भी रोचक बात यह रही कि जिस निजी बिल को लेकर यह पूरा हंगामा खड़ा हुआ वह बिल लोकसभा में पेश हुआ ही नहीं।
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