कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने राज्य में पार्टी की जीत के लिए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के ‘एकजुट प्रयास' को श्रेय देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार पांच गारंटी को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. शिवकुमार ने साथ ही कहा कि सरकार परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति महीने देने की 'गृह लक्ष्मी' योजना एक महीने के भीतर लागू करेगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को ‘‘अस्तित्व की लड़ाई'' करार दिया और कहा कि उनके लिए यह व्यक्तिगत रूप से ‘‘करो या मरो की लड़ाई'' थी.
'द वीक' के साथ एक विशेष साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से वोक्कालिगा समुदाय खफा है, उन्होंने कहा, ‘‘बेशक, यह काफी स्वाभाविक है. रक्त पानी से अधिक गाढ़ा होता है. लेकिन हमें (समझौता) करना पड़ता है.'' कांग्रेस के चुनावी वादों पर उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे (गारंटी को) लागू करने जा रहे हैं, चाहे जो हो जाए. एक जून को हमारे मंत्रिमंडल की एक बैठक है. लगभग 20,000 करोड़ से 26,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था करना कोई समस्या नहीं होगी. हम बाकी 30,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था करने पर काम करेंगे.''
उन्होंने गृह लक्ष्मी योजना पर कहा, ‘‘हमने जो भी वादा किया है, हम निश्चित रूप से उसे पूरा करेंगे. हम जून के पहले सप्ताह में एक योजना के साथ सामने आएंगे. हम पहले से ही अधिकारियों से एक व्यवस्था बनाने के लिए बात कर रहे हैं.'' शिवकुमार ने कहा कि परिवार को यह तय करना है कि पैसा सीधे लाभ अंतरण के माध्यम से किसके पास जाना चाहिए - पत्नी या मां, और उन्हें बैंक खातों का ब्योरा देना चाहिए, जिसके लिए अधिकारियों को हर घर का दौरा करना होगा.
यह पूछे जाने पर कि योजना को लागू करने में कितना समय लगेगा, उन्होंने कहा, 'हम इसे एक महीने में लागू करेंगे. हम इसकी घोषणा करेंगे और चाहे जो भी देरी हो, हम एक (समाधान) लेकर आएंगे.'' उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने सरकार को लिखा है कि वे पैसा नहीं लेना चाहते, लेकिन किसी को इसे लेने से नहीं रोकेंगे. कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि 'कार्यकर्ता' (पार्टी कार्यकर्ता) पार्टी की जड़ें हैं और हमें यह देखना चाहिए कि हम उन्हें मजबूत करें. उन्होंने कहा, ‘‘कार्यकर्ता की आवाज नेतृत्व की आवाज होनी चाहिए. मैं यही चाहता हूं. मुझे 50 प्रतिशत सफलता मिली है, 50 प्रतिशत अभी बाकी है. मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा.''
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार का प्राथमिक कारण यह है कि उसने जो वादा किया था उसे पूरा नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती वर्षों में शासन करने वाले राज्य के दिग्गजों ने कर्नाटक के ब्रांड नाम बनाया था और भाजपा द्वारा इसे खत्म किया जा रहा था. उनके खिलाफ मामलों के बावजूद भाजपा से मुकाबला करने पर उन्होंने कहा, ‘‘वह केवल मैं नहीं, यह मिलकर किया गया प्रयास है. इसमें कोई शक नहीं कि मैं मजबूती से खड़ा था और मैं सब कुछ झेलने के लिए तैयार था. कोई विकल्प नहीं था. मुझे अस्तित्व के लिए यह लड़ाई मुझे लड़नी पड़ी. मुझे पता था कि कर्नाटक पूरे देश के लिए एक शुरुआत होगी. यह मेरे लिए करो या मरो की लड़ाई थी. आखिरकार, मैं इसे (कर्नाटक में) कर सका.''
शिवकुमार ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने पार्टी में उत्साह लाने में मदद की और लोग उनके साथ चले. यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी वर्तमान स्थिति से खुश हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुश हूं या नहीं यह महत्वपूर्ण नहीं है. मुझे खुशी तब होगी जब हम सुशासन वाली सरकार देंगे, जब हम अपने वादे निभाएंगे, जब हम जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे.''
शिवकुमार ने कहा कि वह इस बात का खुलासा नहीं करना चाहेंगे कि पार्टी आलाकमान और उनके बीच और सिद्धरमैया और उनके बीच सत्ता के बंटवारे पर क्या फैसला हुआ है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएगी, उन्होंने कहा कि अगर कोई नैतिक निगरानी के जरिए शांति भंग करने की कोशिश करता है, तो वह ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि देश का कानून है.
उन्होंने इस सवाल का भी जवाब नहीं दिया कि क्या ‘बीफ' कर्नाटक में वापस आएगा. उन्होंने कहा कि वह विवाद में नहीं पड़ना चाहते. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विकास, हमारे वादों पर ध्यान देने दीजिए.'' शिवकुमार ने यह भी आश्वासन दिया कि कांग्रेस सरकार पिछली सरकार के भ्रष्टाचार की जांच करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को पहले ही आश्वासन दे चुके हैं कि हम जांच करेंगे.'' क्या भाजपा फिर से ‘ऑपरेशन लोटस' का प्रयास करेगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘पहले उन्हें इस हार से उबरने दें. पूरा डबल इंजन यहां था. वे जो कर सकते थे, उन्होंने किया.''
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)