विज्ञापन
This Article is From Jan 19, 2022

महाराष्ट्र में शिवसेना और सहयोगी दलों ने जीता स्थानीय चुनाव, भाजपा को मिली सबसे अधिक सीटें

अब तक 1,683 सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं. एनसीपी ने 359 सीटें जीती हैं, शिवसेना ने 297 और कांग्रेस ने 281 सीटें जीती हैं, जिसका अर्थ है कि महा विकास अघाड़ी ने फिर से भाजपा को भारी अंतर से हराया है.

महाराष्ट्र में शिवसेना और सहयोगी दलों ने जीता स्थानीय चुनाव, भाजपा को मिली सबसे अधिक सीटें
भाजपा 1,802 सीटों में से 379 सीटें जीतकर सबसे अधिक सीट जीतने वाली पार्टी बनकर उभरी है
मुंबई:

महाराष्ट्र में 106 सेमी-अर्बन स्थानीय निकायों के चुनाव परिणाम आज बुधवार को घोषित किए जा रहे हैं. कुल मिलाकर रुझानों से संकेत मिल रहा है कि शरद पवार की राकांपा 25 क्षेत्रों में पंचायत बनाएगी. वहीं भाजपा को 24, कांग्रेस को 18 और शिवसेना को 14 जगह जीत मिलती दिख रही है. एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी), कांग्रेस और शिवसेना महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं.

महाराष्ट्र सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव में OBC उम्मीदवारों के लिए 27% आरक्षण पर रोक लगाई

ये पार्टियां कुछ क्षेत्रों में संयुक्त रूप से और दूसरों में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन संयुक्त रूप से वे भाजपा को आधे से अधिक अंतर से हराती नजर आ रही हैं. भाजपा 1,802 सीटों में से 379 सीटें जीतकर सबसे अधिक सीट जीतने वाली पार्टी बनकर उभरी है. अब तक 1,683 सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं. एनसीपी ने 359 सीटें जीती हैं, शिवसेना ने 297 और कांग्रेस ने 281 सीटें जीती हैं, जिसका अर्थ है कि महा विकास अघाड़ी ने फिर से भाजपा को भारी अंतर से हराया है.

भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया कि पार्टी राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत है. लगभग 26 महीनों तक सत्ता से बाहर रहने के बावजूद, भाजपा सफल रही है और इससे पता चलता है कि हम बिना किसी सरकारी समर्थन के अच्छे परिणाम दे सकते हैं. 

'यदि कांग्रेस अकेले जाने का फैसला करती है...' निकाय चुनाव से पहले शिवसेना नेता ने दिया संकेत

पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें अदालत के 15 दिसंबर के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी, जिसमें स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को वापस 'सामान्य श्रेणी' में वापस करने का निर्देश दिया था. मार्च 2020 में अदालत ने कहा था कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों में ओबीसी के पक्ष में आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटों के कुल 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है.

नगर पंचायत उन नगरों में स्थापित शहरी स्थानीय स्वशासन का एक रूप है जो न तो 'शहरी' या 'ग्रामीण' के रूप में वर्गीकृत हैं और न ही कोई कार्यात्मक नगरपालिका है. वे एक निश्चित संख्या में पार्षदों से बने होते हैं, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना के माध्यम से बदला जा सकता है.

बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार के विरोध में पूरे राज्य प्रदर्शन किया

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com