शीना बोरा मर्डर केस (Sheena Bora Murder Case) में गिरफ्तार इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका खारिज हो गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की है. वकील सना खान ने बताया कि वो अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी. साल 2015 में गिरफ्तार इंद्राणी (Indrani Mukherjea) की अब तक जमानत नही हुई है.पिछले वर्ष अगस्त में भी मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने इंद्राणी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने कहा था कि जमानत पर रिहाई होने के बाद आरोपी द्वारा अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. न्यायाधीश ने उस समय कहा था, ‘‘इसमें कोई शक नहीं है कि आरोपी प्रभावशाली और अमीर शख्स है. अत: अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.'
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'मेडिकल आधार पर कई बार जमानत हासिल करने में नाकामी के बाद मुखर्जी ने पिछले साल दिसंबर में एक अन्य याचिका दायर कर मामले के ‘‘गुण-दोष'' के आधार पर जमानत मांगी थी.गौरतलब है कि शीना बोरा मर्डर केस (Sheena Bora Murder Case)में सीबीआई ने अपनी जांच बंद करने का फैसला किया है. इस मामले में शीना की मां और पूर्व मीडिया कार्यकारी इंद्राणी मुखर्जी मुकदमे का सामना कर रही हैं. सूत्रों ने पिछले दिनों बताया था कि जांच एजेंसी ने मुंबई में स्पेशल कोर्ट में कहा है कि 2012 में हुए इस मर्डर को लेकर उसकी जांच पूरी हो गई है.
सीबीआई ने इस मामले में तीन चार्जशीट और दो सप्लीमेंटरी चार्जशीट फाइल की हैं जिनमें इंद्राणी मुखर्जी, उसके ड्राइवर श्यामवर राय, पूर्व पति संजीव खन्ना व पीटर मुखर्जी को आरोपी बनाया गया है. इंद्राणी को वर्ष 2015 में 25 वर्षीय शीना बोरा के मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. शीना पहली शादी से इंद्राणी की बेटी थी.
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