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This Article is From Aug 02, 2023

शरद पवार के PM मोदी के साथ मंच साझा करने से सहयोगियों में खलबली, बोले - रुख स्पष्ट करना चाहिए

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि इस तरह की चीजें भ्रम की स्थिति पैदा करती हैं और पवार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. 

शरद पवार के PM मोदी के साथ मंच साझा करने से सहयोगियों में खलबली, बोले - रुख स्पष्ट करना चाहिए
लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शरद पवार ने PM नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा किया.
मुंबई :

शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) ने मंगलवार को कहा कि पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा करने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार इसमें शामिल नहीं होकर उन लोगों की शंकाओं को दूर कर सकते थे, जिन्हें उनका इस समारोह में शामिल होना पसंद नहीं आया. शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना' में प्रकाशित एक संपादकीय में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राकांपा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, और इसके बाद उन्होंने उस पार्टी को तोड़ दिया एवं महाराष्ट्र की राजनीति को दलदल बना दिया. 

पुरस्कार समारोह से पहले प्रकाशित मराठी समाचार पत्र में कहा गया, ‘‘इसके बावजूद शरद पवार मोदी का स्वागत करेंगे और यह बात कुछ लोगों को अच्छी नहीं लगी. यह पवार के लिए इस कार्यक्रम में अनुपस्थित रहकर लोगों के मन में उन्हें लेकर पैदा हो रही शंकाओं को दूर करने का अवसर था.''

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि इस तरह की चीजें भ्रम की स्थिति पैदा करती हैं और पवार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. 

चव्हाण ने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि इस तरह के सम्मेलनों में शामिल होना गलत है, लेकिन सभी प्रमुख विपक्षी दल 'इंडिया' गठबंधन के अंतर्गत आते हैं. इस तरह की चीजें भ्रम की स्थिति पैदा करती हैं.''

कांग्रेस नेता ने कहा, ''अगर पवार जैसे वरिष्ठ नेता अपना रुख स्पष्ट कर देते हैं तो यह बेहतर रहेगा.''

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने तथा लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार स्वीकार करने के लिए मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे शहर के दौरे पर हैं. लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट ने इस पुरस्कार की शुरुआत की थी. 

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पिछले महीने राकांपा से अलग होने के बाद पार्टी के आठ अन्य विधायकों के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे. 

संपादकीय में कहा गया है कि यदि शरद पवार राकांपा में फूट डालने का विरोध करते हुए समारोह में शामिल नहीं होते, तो उनके नेतृत्व एवं साहस की प्रशंसा की जाती. 

इसमें कहा गया है कि देश ‘‘तानाशाही'' के खिलाफ लड़ रहा है और इस मकसद के लिए 26 विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया' बनाया गया है. 

इसमें दावा किया गया कि शरद पवार इस गठबंधन के ‘‘महत्वपूर्ण सेनापति'' हैं. 

पार्टी ने कहा कि शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता से लोगों को अलग अपेक्षाएं हैं. 

पार्टी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर हिंसा पर बात करने के लिए तैयार नहीं है. इसमें कहा गया कि देश के नेता का इस मामले पर नहीं बोलना राष्ट्रहित में नहीं है. 

संपादकीय में कहा गया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ पुणे में प्रदर्शन हुए हैं और राकांपा कार्यकर्ता इसमें भाग ले रहे हैं. 

शिवसेना ने कहा कि यह अजीब स्थिति है, क्योंकि नेता मोदी के साथ मंच साझा कर रहे हैं और पार्टी कार्यकर्ता काले झंडे लेकर उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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