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This Article is From Dec 28, 2023

शबनम के 'राम' : मुंबई से पैदल ही अयोध्या के लिए निकली मुस्लिम लड़की,कहा- राम तो सबके हैं

मुंबई की रहने वाली शबनम बीते 21 दिसंबर को मुंबई से अयोध्या तक की पैदल यात्रा पर निकली है. उसके साथ हैं उसके साथी  रमन राज शर्मा व विनीत पांडे. शबनम को 1425 किलोमीटर की दूरी तय करनी है लेकिन राम की धुन में उसके चेहरे पर थकान नहीं दिखती. वे अब मध्यप्रदेश के बड़वानी पहुंच चुकी हैं.

शबनम के 'राम' : मुंबई से पैदल ही अयोध्या के लिए निकली मुस्लिम लड़की,कहा- राम तो सबके हैं

Madhya Pradesh News: वो लड़की है,मुस्लिम है..लेकिन उसे राम से प्यार है. ये लाइनें पढ़कर आप थोड़ा चौंक सकते हैं लेकिन पूरी कहानी आपको रोमांचित कर देगी. दरअसल मुंबई की रहने वाली शबनम बीते 21 दिसंबर को मुंबई से अयोध्या तक की पैदल यात्रा पर निकली है. उसके साथ हैं उसके साथी  रमन राज शर्मा व विनीत पांडे. शबनम को 1425 किलोमीटर की दूरी तय करनी है लेकिन राम की धुन में उसके चेहरे पर थकान नहीं दिखती. उसे अपने मुस्लिम होने पर गर्व है और कहती है- राम की पूजा या उन्हें मानने के लिए  हिंदू होना जरूरी नहीं है. जरूरत है तो बस एक अच्छा इंसान होने की. फिलहाल शबनम मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा पहुंच चुकी है. वे और उनके साथी हर दिन 25-30 किमी का सफर तय करते हैं. भगवान राम की भक्ति में वे इतने रमे हुए हैं कि उन्होंने अयोध्या पहुंचने की अपनी कोई तारीख निश्चित नहीं की है. लगता है कि उन्होंने अपना सूत्र वाक्य बना रखा है- होइहि सोइ जो राम रचि राखा. 
 

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फिलहाल शबनम और उनके साथियों की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. शबनम से जब सवाल किया गया तो वो कहती हैं- मैं अपनी यात्रा से दो ही संदेश देना चाहती हूं. पहला तो ये भगवान राम सबके हैं. वे किसी जाति-धर्म में बंधे नहीं हैं. वे भारत ही नहीं पूरी दुनिया के हैं. दूसरा शबनम बताना चाहती हैं कि लड़कियां भी किसी से कम नहीं. वे भी लड़कों की तरह पैदल यात्रा कर सकती हैं. वे ये भ्रम तोड़ना चाहती हैं कि कोई अमुक काम कोई लड़का ही कर सकता है.

शबनम ने जब से यात्रा शुरू की है तब से उन्हें पुलिस की सुरक्षा मिली हुई है. महाराष्ट्र में कुछ संवेदनशील इलाकों में जब वे फंस गईं थीं तो पुलिस ने उन्हें बाहर निकाला और मध्यप्रदेश तक पहुंचाया. पुलिस ही उनके खाने और ठहरने का भी इंतजाम करती है.

वे अपनी यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हैं. उनका कहना है कि यात्रा के दौरान उन्हें सोशल मीडिया पर कुछ नफरती कमेंट मिले हैं लेकिन ज्यादातर लोग इसे पॉजिटिव ले रहे हैं. वे भगवा झंडे को हाथ में लेकर चल रही हैं तो कई बार रास्ते में मिलने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग उन्हें सलाम करने करने के साथ-साथ जय श्री राम भी कहते हैं. वे बताती हैं कि लोगों को ये मान रहे हैं कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति स्थापित होगी तब हमलोग भी अयोध्या में पहुंच जाएंगे. लेकिन ये सच नहीं है हमने ऐसी कोई तारीख निश्चित नहीं की है. 

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