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102 डिग्री बुखार भी जब मोहम्मद रफी को रोक नहीं पाया, गाया अपने करियर का सबसे हिट गाना

कम ही लोग जानते हैं कि रफी साहब ने अपने करियर का एक आइकॉनिक गाना तेज बुखार में रिकॉर्ड किया था. उस वक्त उनका तापमान करीब 102 डिग्री था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने रिकॉर्डिंग कैंसल नहीं की.

102 डिग्री बुखार भी जब मोहम्मद रफी को रोक नहीं पाया, गाया अपने करियर का सबसे हिट गाना
मोहम्मद रफी ने बुखार में गाया था ये हिट गाना
नई दिल्ली:

Mohammed Rafi Hit Song Recorded In Fever: 4 दिसंबर 1924 को जन्मे हिंदी सिनेमा के महान गायक मोहम्मद रफी आज भी अपनी जादुई आवाज के लिए याद किए जाते हैं. पंजाब के अमृतसर के गांव कोटला सुल्तान सिंह में जन्मे रफी साहब ने अपने करियर में ऐसे-ऐसे गीत दिए, जो आज भी दिलों को छू जाते हैं. आज उनकी 101वीं जयंती के मौके पर हम आपको उनसे जुड़ा एक ऐसा किस्सा बता रहे हैं, जो उनके समर्पण और जुनून को बयां करता है. इस किस्से को जानकर आप यकीनन हैरान रह जाएंगे. क्या हुआ था ऐसा, चलिए जानते हैं.

बुखार में रिकॉर्ड किया था ये गाना 

कम ही लोग जानते हैं कि रफी साहब ने अपने करियर का एक आइकॉनिक गाना तेज बुखार में रिकॉर्ड किया था. उस वक्त उनका तापमान करीब 102 डिग्री था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने रिकॉर्डिंग कैंसल नहीं की. बताया जाता है कि उस हालत में ठीक से बोल पाना भी मुश्किल था, लेकिन रफी साहब ने अपनी तबीयत को पीछे रखकर गाने को अपनी आवाज दी. यह गाना था धर्मेंद्र स्टारर फिल्म ‘शोला और शबनम' का मशहूर गीत - “जाने क्या ढूंढती रहती हैं ये आंखें मुझ में”.

आज भी एवरग्रीन है गाना 

आईएमडीबी से जुड़ी जानकारी के मुताबिक, रिकॉर्डिंग के दौरान रफी साहब बेहद कमजोर थे, फिर भी उन्होंने म्यूजिक डायरेक्टर और मेकर्स को नुकसान न हो, इसलिए गाने को पूरा किया. करीब साढ़े तीन मिनट के इस गीत को उन्होंने एक ही जज्बे में गाया. यही वजह है कि इस गाने में उनकी आवाज में जो दर्द और ठहराव सुनाई देता है, वह सीधे दिल तक पहुंचता है. आज भी यह गीत बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन सैड सॉन्ग्स में गिना जाता है और रफी साहब के समर्पण की मिसाल माना जाता है.

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