त्रिपुरा में बाढ़ के चलते स्थिति गंभीर बन गई है. बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है. बाढ़ से 17 लाख लोग प्रभावित हैं. आईएमडी ने त्रिपुरा में और अधिक बारिश के लिए फिर से रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम के कहर से 65 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. राज्य भर में 450 राहत शिविर खोले गए हैं. एनडीआरएफ की कई टीमें हवाई मार्ग से त्रिपुरा भेजी गई हैं.
अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार दिनों से भारी बारिश से प्रभावित त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को भी गंभीर बनी रही. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के सभी आठ जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट' जारी रखा है. उन्होंने बताया कि बारिश और बाढ़ के कारण और अधिक संख्या में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं.
.#IAF has airlifted #NDRF teams with relief material to flood-affected areas in Agartala, Tripura, providing critical support to the stranded people.@giridhararamane pic.twitter.com/ClYm78QpYz
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) August 22, 2024
दक्षिण त्रिपुरा में भूस्खलन के कारण बच्चों और महिलाओं सहित सात लोगों की मौत हो गई है. भारतीय वायुसेना ने त्रिपुरा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद के लिए अपने हवाई संसाधन सक्रिय कर दिए हैं. दो सी-130 और एक एएन-32 विमानों ने गुरुवार को आपदा राहत कार्यों में मानवीय सहायता के लिए कई एनडीआरएफ टीमों और राहत सामग्री को अगरतला पहुंचाया. प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है.
नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
त्रिपुरा में नदियों का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है. खास तौर पर गोमती, दक्षिण त्रिपुरा, उनाकोटी और पश्चिम त्रिपुरा जिले गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. राज्य में छह स्थानों पर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. इनमें धलाई, खोवाई, दक्षिण त्रिपुरा, पश्चिम त्रिपुरा, उत्तर त्रिपुरा और उनाकोटी जिले शामिल हैं.
प्रशासन द्वारा 19 अगस्त से अब तक राज्य में 65,400 से अधिक लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए कुल 450 राहत शिविर खोले गए हैं. राज्य में बाढ़ से प्रभावित आबादी 17 लाख से अधिक है. राज्य में कुल 844 पोल टूटे हैं और 151 ट्रांसफार्मर, 310 किलोमीटर कंडक्टर, 2 सब-स्टेशन क्षतिग्रस्त हुए हैं.
राज्य में 2032 स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिनमें से 1789 स्थानों को साफ कर दिया गया है और बहाली का काम जोरों पर चल रहा है. राज्य में 1952 स्थानों पर सड़कों का कटाव हुआ, जिनमें से अब तक 579 स्थानों को बहाल कर दिया गया है. अगरतला से सभी रेल सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं.
बाढ़ के कारण फसलों को भारी नुकसान
राज्य के सभी आठ जिलों में बाढ़ के कारण खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है. प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार लगभग 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियां और 1.20 लाख हेक्टेयर में धान की फसलें जलमग्न हैं.
राज्य में अगले आदेश तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. गोमती, दक्षिण त्रिपुरा और अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संचार सेवाएं ठप हो गई हैं. सरकार के अनुरोध पर, केंद्र ने गोमती और दक्षिण त्रिपुरा जिलों में फंसे लोगों को हवाई मार्ग से निकालने के लिए दो हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए हैं. हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल एनडीआरएफ की एक टीम के लिए और खाद्य सामग्री को अमरपुर पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.
आईएमडी (भारतीय मौसम विभाग) के पूर्वानुमान के अनुसार, शुक्रवार को राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश जारी रहेगी. आईएमडी ने राज्य के चार जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है.
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