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कांस्टीट्यूशन क्लब चुनाव को लेकर BJP में कन्फ्यूजन क्यों? राजीव प्रताप रूडी और संजीव बलियान आमने-सामने

कांस्टीट्यूशन क्लब के इतिहास में अभी तक कम ही चुनाव हुए हैं. इस बार होने वाला चुनाव चौथा चुनाव है. इससे पहले 2009, 2014, 2019 में चुनाव हुए थे. इस बार भी खेल, संस्कृति और कोषाध्यक्ष के सचिव के लिए चुनाव नहीं हुए.

कांस्टीट्यूशन क्लब चुनाव को लेकर BJP में कन्फ्यूजन क्यों? राजीव प्रताप रूडी और संजीव बलियान आमने-सामने
कांस्टीट्यूशन क्लब चुनाव को लेकर BJP के दो सांसद आमने-सामने.
  • दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में इस बार सचिव पद के लिए चुनाव होना है. मतदान 12 अगस्त को होगी.
  • राजीव प्रताप रूडी और संजीव बलियान के बीच सचिव पद के लिए कड़ी टक्कर देखी जा रही है.
  • क्लब के कुल 1200 सदस्य हैं, लेकिन आमतौर पर लगभग 100 लोग ही वोट डालने आते हैं.
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Constitution Club Elections: दिल्ली का कांस्टीट्यूशन क्लब इन दिनों सरगर्मियों का केंद्र बना हुआ है. वजह है यहां होने वाला चुनाव. अक्सर कांस्टीट्यूशन क्लब में पदाधिकारियों के लिए चुनाव नहीं होते हैं. सब मिलजुल कर तय कर लेते हैं. कांस्टीट्यूशन क्लब के इतिहास में अभी तक कम ही चुनाव हुए हैं. इस बार होने वाला चुनाव चौथा चुनाव है. इससे पहले 2009, 2014, 2019 में चुनाव हुए थे. इस बार भी खेल, संस्कृति और कोषाध्यक्ष के सचिव के लिए चुनाव नहीं हुए. खेल सचिव के लिए राजीव शुक्ला, संस्कृति सचिव के लिए टी शिवा और कोषाध्यक्ष के लिए जर्नादन रेड्डी निर्विरोध चुने गए हैं.

सचिव पद के लिए चुनाव, रूडी और बलियान में टक्कर

इस बार का चुनाव सचिव पद के लिए हो रहा है, जिसके लिए बीजेपी के दो नेता राजीव प्रताप रूडी और संजीव बलियान आमने-सामने हैं. पिछले 25 साल से राजीव प्रताप रूडी ही इस क्लब के सचिव रहे हैं और यहां बहुत काम भी किया है. जिसने कांस्टीट्यूशन क्लब की सूरत ही बदल दी है.

आज यहां 200 साल पुराने पेड़ के नीचे एक बढ़िया कैफे है, क्लब में बेहतरीन जिम है, स्पा और सैलून है, स्विमिंग पूल है. वैसे तो कांस्टीट्यूशन क्लब के मुखिया लोकसभा के अध्यक्ष होते हैं मगर सचिव का पद काफी महत्वपूर्ण होता है.

दावा- बलियान को सरकार का समर्थन, विपक्षी दल रूड़ी के साथ

यहां के जिम को बनाने के लिए बीसीसीआई ने मदद की थी. तब शरद पवार और राजीव शुक्ला ने क्लब को एक करोड़ रूपए की मदद की थी. यहां पर आपको लोकसभा अध्यक्ष हॉल, डिप्टी स्पीकर हॉल भी है. जहां बैठकें होती है. इस बार का चुनाव इसलिए विशेष हो गया है क्योंकि माना जा रहा है कि संजीव बलियान को सरकार का समर्थन है जबकि कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल राजीव प्रताप रूडी के समर्थन में हैं.

कौन होते हैं कांस्टीट्यूशन क्लब के वोटर?

कांस्टीट्यूशन क्लब के 1200 सदस्य हैं. जो सांसद और पूर्व सांसद ही होते हैं और जहां तक वोटिंग की बात है करीब 100 लोग ही वोट डालने आते हैं. मगर इस बार जितनी सरगर्मी दिख रही है लगता है इस बार वोटिंग का आंकडा 500 के पार जाएगा.

जब रामनाथ कोविंद को हराकर सचिव बने थे रूडी

एक बात और बता दूं पिछली बार एक चुनाव में राजीव प्रताप रूडी बनाम रामनाथ कोविंद के बीच में भी मुकाबला हो चुका है जिसमें राजीव प्रताप रूडी जीते थे. बाद में रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति बने. इस बार चुनाव को देखते हुए डिनर डिप्लोमेसी भी चल रही है और डोर टू डोर कैंपेनिंग भी किया जा रहा है.

रूडी और बलियान अक्सर संसद में सांसदों से मुलाकात करते देखे जा रहे हैं. सबकी निगाहें 12 अगस्त को होने वाली वोटिंग पर है कि बीजेपी के सांसद रूडी और बलियान में से किसे चुनते हैं और कौन-कौन वोट करने आता है.

जाट बनाम राजपूत लॉबी की भी लड़ाई

जाहिर है बलियान के साथ जाट लॉबी तो है तो राजपूत लॉबी रूडी के साथ है. उधर कांग्रेस ने रूडी के लिए मन बना लिया है वजह है कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला का खेल सचिव के लिए निर्विरोध चुना जाना. बीजेपी के वोटों में बंटवारा होने का खतरा है क्योंकि जिस ढंग की बातें संसद भवन में हो रही है कई लोग संजीव बलियान को सरकार का उम्मीदवार बता रहे है.

बड़े नेता वोटिंग के लिए आते हैं या नहीं, देखना होगा

हालांकि बलियान इससे इनकार करते हैं. जो भी हो कांस्टीट्यूशन क्लब का ये चुनाव ऐसा होने वाला है जो पार्टी लाइन से अलग होगा मजेदार और रोमांचक भी. सबकी निगाहें होगी कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री या अन्य बड़े मंत्री या फिर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शरद पवार जैसे नेता वोट डालने आते हैं या नहीं.

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