नोएडा प्राधिकरण की 207वीं बोर्ड बैठक में डॉग पॉलिसी के प्रस्ताव को पास करने के बाद आमलोगों से सुझाव मांगे गए थे. सुझाव के आधार पर बदलाव कर प्राधिकरण ने सोमवार से पॉलिसी लागू कर दिया है. लागू की गई पॉलिसी में शेल्टर होम, फीडिंग प्वाइंटर, पंजीकरण, नवीनीकरण, नसबंदी, टीकाकरण के नियम तय किए गए हैं. साथ ही नियम का पालन नहीं करने पर 500 रुपये से दस हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है. आम लोगों की तरफ से लगातार कड़े नियम बनाए जाने की मांग की जा रही थी.
इसको देखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुपालन के लिए पॉलिसी तैयार की थी, जिसे लागू कर दिया गया है. प्राधिकरण की पॉलिसी के अतिरिक्त आरडब्ल्यूए, एओए और गांव के निवासी या संगठन कोई भी प्रतिबंध या नियम नहीं बना सकते हैं. पालतू कुत्तों के मालिकों के तय दायित्वों के तहत घर के बाहर जानवरों को पट्टे में घुमाना अनिवार्य कर दिया गया है साथ ही घर के बाहर अकेले छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पालतू कुत्तों को सोसाइटी की सर्विस लिफ्ट से ही ले जाने की अनुमति होगी. लिफ्ट में पालतू कुत्ते को ले जाते समय मजल का प्रयोग करना होगा. अगर पालतू कुत्ता सार्वजनिक स्थान पर शौच करता है तो उसकी सफाई की जिम्मेदारी कुत्ते के मालिक की होगी. पालतू कुत्ते के मरने पर एप पर अपडेट करना होगा.
नए नियम के तहत सभी पालतू कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य होगा. प्रत्येक वर्ष अप्रैल में 500 रुपये पंजीकरण शुल्क देना होगा. पंजीकरण वित्तीय वर्ष के लिए मान्य होगा. पंजीकरण के लिए प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा. प्रत्येक व्यक्ति अपने पालतू कुत्तों का पंजीकरण पॉलिसी लागू होने से एक माह के भीतर करना होगा. नोएडा क्षेत्र में प्रजनन केंद्र के सत्यापन के बाद नोएडा प्राधिकरण की ओर से प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.
स्ट्रीट डॉग्स के लिए फीडिंग स्थल चिह्नित किए जाएंगे. तय स्थान पर एक बोर्ड लगाना होगा, जिस पर लिखा होगा स्ट्रीट डॉग्स को भोजन इसी स्थल पर खिलाएं. खाने और पानी की व्यवस्था स्थानीय लोग करेंगे. सफाई की व्यवस्था प्राधिकरण करेगा. लावारिस कुत्तों की नसबंदी के अलावा एंटी रेबीज का टीका भी लगाया जाएगा. इसके लिए दो एजेंसियों के अलावा सीवीओ के माध्यम से सरकारी अस्पताल को भुगतान के आधार पर पैनल में रखा गया है. स्ट्रीट डॉग्स को सीरियल नंबर टैग प्राधिकरण से जुड़ी एजेंसियां नसबंदी के समय देंगी.
नोएडा प्राधिकरण की ओर से स्ट्रीट डॉग्स के लिए आरडब्ल्यूए, एओए और ग्रामीणों की सहमति व मांग पर अपने खर्च पर डॉग शेल्टर होम बनाया जाएगा. इसके लिए जमीन भी दी जाएगी. यहां शिकायत प्राप्त होने पर बीमार, उग्र, आक्रामक हो चुके कुत्तों को निगरानी के लिए रखा जाएगा. यहां इनके खानपान, रखरखाव एवं देखरेख के लिए व्यवस्था आरडब्ल्यूए, एओए और ग्रामीणों की ओर से की जाएगी.
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