हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को सतलोक आश्रम के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दिया जहां विवादित धार्मिक नेता संत रामपाल के शिष्य बड़ी संख्या में जुटे हुए हैं और अदालत की अवमानना संबंधी एक मामले में उनकी गिरफ्तारी रोकने के प्रयासों के तहत किलेबंदी कर रखी है।
जिलाधिकारी एम एल कौशिक ने धारा 144 लागू कर दी है। उन्होंने आश्रम के आसपास 500 मीटर तक पांच या ज्यादा लोगों के जमा होने तथा हथियार ले जाने पर रोक लगा दी है।
उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर शिष्यों के आक्रामक रूख अपनाने के बीच हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसएन वशिष्ठ ने आज स्थिति का जायजा लिया। उच्च न्यायालय ने विवादित धार्मिक नेता को गिरफ्तार करने तथा 17 नवंबर को पेश करने का आदेश दिया है।
विवादित धार्मिक नेता के शिष्यों ने सतलोक आश्रम को वस्तुत: एक किले में बदल दिया है। शिष्यों ने कहा है कि वे उस समय तक पुलिस को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने देंगे जब तक कि वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते।
हालांकि डॉक्टरों ने कल घोषणा की थी कि उनका स्वास्थ्य सामान्य है।
डीजीपी ने पुलिस लाइंस में पांच पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक की और आगे की कार्ययोजना के लिए रणनीति तैयार की।
बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्रवाई करेगी और 17 नवंबर को संत रामपाल को गिरफ्तार करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कौशिक ने कहा कि बड़ी संख्या में रामपाल के समर्थक अब भी आश्रम में और बाहर एकत्र हैं। उनमें महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि गिरफ्तारी को टालने के लिए वे हिंसा का सहारा ले सकते हैं। पुलिस बल आश्रम के करीब पहुंच रहा है और पुलिस तथा रामपाल के अनुयायियों के बीच संघर्ष होने की आशंका के मद्देनजर करीब 40 एंबुलेंस तैयार रखे गए हैं।
आश्रम प्रवक्ता राज कपूर ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ हम उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर रहे हैं। अगर न्यायपालिका हमें न्याय देने में नाकाम रहती है तो हम राष्ट्रपति से अनुरोध करेंगे कि संत जी को उनकी इच्छा से मरने की अनुमति दी जाए। हम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को आश्रम में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देने जा रहे हैं।’’
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