नई दिल्ली: मणिपुर में महीने भर की हिंसा के बाद हालात सुधर रहे हैं. अभिभावकों और छात्र समाज की सहमति पर बुधवार से स्कूल खुल गए हैं. हालांकि, केवल 20 प्रतिशत छात्र ही स्कूल में मौजूद रहे. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारी ने कम उपस्थिति दर के लिए हिंसा से संबंधित मुद्दों, परिवहन और माता-पिता और बच्चों के बीच डर को जिम्मेदार ठहराया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “छात्रों के माता-पिता और अभिभावक लंबी गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने से खुश हैं. कक्षाएं फिर से शुरू होने के पहले दिन स्कूलों के निरीक्षण के दौरान, छात्रों ने भी अपनी खुशी व्यक्त की." कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण मणिपुर के सभी स्कूलों ने 4 मई 2023 से 4 जुलाई 2023 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश बढ़ा दिया था. इस बीच राज्य सरकार के अनुसार मणिपुर के विभिन्न जिलों में 4617 स्कूलों में से 96 स्कूल राहत उपायों आदि के लिए कब्जे के कारण नहीं खोले जा सके.
एक अधिकारी ने कहा कि "शेष स्कूलों में कक्षाएं फिर से शुरू हो गईं. लेकिन ये 96 स्कूल बंद हैं क्योंकि विस्थापित लोगों के लिए राहत शिविर उनके परिसर में स्थापित किए गए हैं." राज्य सरकार के अनुसार इन 96 स्कूलों में सबसे अधिक 41 स्कूल चुराचांदपुर जिले में हैं, इसके बाद 17 बिष्णुपुर में हैं. काकचिंग में 10, कांगपोकपी और इंफाल पूर्व में 8-8, उखरुल और तेंगनौपाल में 4-4 और इंफाल पश्चिम और थौबल में 2-2.
राज्य सरकार राज्य में हाल ही में हुई हिंसा से विस्थापित हुए छात्रों के लिए नजदीकी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश की व्यवस्था करने का भी प्रयास कर रही है. दरअसल, स्कूल बदलने का विकल्प चुनने वाले हिंसा प्रभावित छात्रों के लिए कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के लिए BoSEM/CoHSEM की पूर्व अनुमति की आवश्यकता में भी छूट दी गई है. एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में BoSEM/CoHSEM के साथ पंजीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा."
इस बीच शिक्षा (एस) और समग्र शिक्षा विभाग, मणिपुर ने हिल और वैली दोनों जिलों में राहत शिविरों में रहने वाले विस्थापित बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तकें, अभ्यास पुस्तकें, पेन, पेंसिल, खेल सामग्री और स्कूल ड्रेस वितरित की है. अब तक 27629 पाठ्य पुस्तकें, 20375 नोट बुक, 4955 पेंसिल, 3483 शार्पनर और इरेज़र और 5171 पेन संबंधित ZEO के माध्यम से राहत शिविरों में वितरित किए गए हैं. इसके अलावा, राहत शिविरों में फुटबॉल, कैरम बोर्ड सेट, शतरंज और लूडो सेट जैसी 1536 खेल सामग्री वितरित की गई हैं. एक अधिकारी ने कहा कि आज निरीक्षण के दौरान देखा गया कि विभिन्न स्कूलों में सबसे अधिक उपस्थिति राहत शिविरों से विस्थापित छात्रों की थी."
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