राजनीतिक दलों द्वारा वोटर्स (Voters) को ललचाने के लिए मुफ्त 'उपहारों' (Free Gifts) के वादे का वितरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. अब इस याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जता दी है. वकील बरुन कुमार सिन्हा ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के समय 'उपहार' की घोषणा से मतदाताओं को प्रभावित किया जाता है. इससे चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता प्रभावित होती है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा.
हिंदू सेना के नेता (Hindu Sena Leader) सुजीत यादव ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में पार्टियों द्वारा मुफ्त बिजली, लैपटॉप (Laptop), स्मॉर्ट फोन (Smartphone), समाजवादी पेंशन योजना , पंजाब में महिलाओं को एक हजार रूपए प्रति माह भत्ते का जिक्र करते हुए कहा गया कि यह वादा भ्रष्ट प्रथा और भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है.
कोर्ट (Court) में दायर की गई याचिका में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस (Congress) के यूपी में और आम आदमी पार्टी (Aap) के पंजाब (Punjab) के उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. इसके साथ ही इस याचिका में ये अनुरोध भी किया गया है कि जो भी इस तरह के मामलों में दोषी पाया जाए, उनके खिलाफ FIR दर्ज कर कार्यवाही की जानी चाहिए.
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