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This Article is From Oct 30, 2023

शराब घोटाला : मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं मिली जमानत

दिल्‍ली शराब घोटाले में फंसे मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है. कोर्ट ने उन्‍हें जमानत देने से इनकार कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि अगर 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा नहीं होता, तो मनीष सिसोदिया दोबारा जमानत की याचिका दाखिल कर सकते हैं.

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नई दिल्‍ली:

शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में 338 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल अस्‍थायी रूप से साबित हुई हो गई है. साथ ही कहा कि 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा हो. अगर 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा नहीं होता, तो मनीष सिसोदिया दोबारा जमानत की याचिका दाखिल कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने हमारे ज्यादातर सवालों का उचित जवाब नहीं दिया. 

सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. एन भट्टी की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. पीठ ने दोनों याचिकाओं पर 17 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने 17 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा था कि अगर दिल्ली आबकारी नीति में बदलाव के लिए कथित तौर पर दी गई रिश्वत ‘अपराध से आय' का हिस्सा नहीं है, तो संघीय एजेंसी के लिए सिसोदिया के खिलाफ धनशोधन का आरोप साबित करना कठिन होगा. 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आबकारी नीति 'घोटाले' में कथित भूमिका को लेकर सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. वह, उस समय से हिरासत में हैं. ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित धनशोधन मामले में नौ मार्च को तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. 

उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री के पद पर रहने के नाते, वह एक 'प्रभावशाली' व्यक्ति हैं तथा वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में तीन जुलाई को उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आरोप 'बहुत गंभीर प्रकृति' के हैं.

शराब घोटाला: अब तक की कहानी 

  • नवंबर 2021: दिल्ली सरकार की नई शराब नीति, जिसमें शराब की बिक्री के तरीकों में ज़बरदस्त बदलाव. 
  • जुलाई 2022: गड़बड़ियों को लेकर दिल्ली के राज्यपाल की CBI जांच की सिफ़ारिश के बाद AAP सरकार ने आबकारी नीति वापस ली. 
  • अगस्त 2022: गड़बड़ियों को लेकर CBI ने आपराधिक साज़िश और करप्शन के मामले में FIR दर्ज की. मनीष सिसोदिया और 14 अन्य लोगों को आरोपी बनाया.
  • आरोपियों में AAP के संचार प्रभारी विजय नायर, हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली, शराब कारोबारी समीर महेंद्रु, एक्साइज विभाग के पूर्व अधिकारीकुलदीप सिंह और नरेंद्रसिंह और एम गौतम और अरुण रामचंद्रपिल्लई.
  • नवंबर 2022: CBI ने 7 लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की जिनमें बिचौलिए और शराब कारोबारी भी थे. 
  • दिसंबर 2022: दिल्ली की अदालत ने सात लोगों के खिलाफ़ CBI की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि इस मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार पाए गए हैं.
  • 8 फ़रवरी 2023: तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी के कविता के पूर्व CA बुचीबाबू गोरंतला को CBI ने गिरफ़्तार किया. FIR में जिन लोगों के नाम थे, उनमें से कुछ के साथ बाबू ने मुलाकात की, दक्षिण की लॉबी के साथ बातचीत करने वालों में एक अहम नाम.
  • 19 फ़रवरी 2023: CBI ने मनीष सिसोदिया को समन किया लेकिन उन्होने बजट का हवाला देकर मजबूरी जताई.
  • 26 फ़रवरी 2023: CBI ने मनीष सिसोदिया को गिरफ़्तार किया.

ईडी का धन शोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है. सीबीआई और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. 

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