आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. वो किसी केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले तीसरे 'आप' नेता हैं. उनसे पहले मनीष सिसोदिया को इस साल की शुरुआत में और सत्येन्द्र जैन को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था.
अप्रैल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी शराब नीति मामले में सीबीआई ने करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी. उनसे उस मामले में एक गवाह के रूप में पूछताछ की गई थी, जिसमें जांचकर्ताओं ने कहा था कि शराब लॉबी को लाभ पहुंचाने के लिए नीति तैयार करने में भ्रष्टाचार शामिल था. उसके बाद से उन्हें आगे की पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है.
इससे पहले दिन में प्रवर्तन निदेशालय ने संजय सिंह के घर पर छापा मारा था. ईडी ने पहले स्टाफ के सदस्यों और फिर 51 वर्षीय राज्यसभा सांसद से जुड़े लोगों से पूछताछ की थी.
अपनी पार्टी के सांसद का समर्थन करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनके आवास पर कुछ भी नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव आते ही प्रवर्तन निदेशालय या ईडी और सीबीआई जैसी सभी एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी.
मनीष सिसोदिया
सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के लिए गिरफ्तार किया था, तब से वो हिरासत में हैं.
इसके तुरंत बाद 28 फरवरी को उन्होंने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. उपमुख्यमंत्री के रूप में उनके द्वारा संभाले गए कई विभागों में से मनीष सिसोदिया के पास उत्पाद शुल्क विभाग भी था.
ईडी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था.
संघीय जांच एजेंसियों के अनुसार, उत्पाद शुल्क नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया.
सत्येन्द्र जैन
दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को पिछले साल मई में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने आप नेता को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था.
ये मामला इस आरोप पर दर्ज की गई सीबीआई की शिकायत पर आधारित है कि सत्येन्द्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्ति अर्जित की थी, जिसका वो संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके.
सत्येंद्र जैन फिलहाल चिकित्सा आधार पर जमानत पर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन्हें दी गई अंतरिम जमानत की अवधि 8 अक्टूबर तक बढ़ा दी. 59 वर्षीय पूर्व मंत्री की 21 जुलाई को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई को जैन को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि एक नागरिक को अपनी पसंद का इलाज पाने का अधिकार है.
शीर्ष अदालत ने सत्येंद्र जैन को अपने चिकित्सा उपचार के लिए अपनी पसंद का कोई भी अस्पताल चुनने का भी अधिकार दिया था.
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