
- संजय कपूर की संपत्ति विवाद से आम नागरिक बहुत कुछ सीख सकता है.
- वसीयत सुनिश्चित करता है कि आपकी संपत्ति उन्हीं लोगों को मिले, जिन्हें आप देना चाहते हैं.
- वसीयत लिखित होनी चाहिए, जिसमें वसीयतकर्ता और कम से कम दो गवाहों के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं.
Sanjay Kapoor Property Dispute: संजय कपूर की संपत्ति को लेकर चल रहा हाई-प्रोफाइल विवाद एक बार फिर इस बात को सुर्खियों में ले आया है कि वसीयत लिखना बहुत जरूरी है. यह मामला दिखाता है कि अगर संपत्ति का साफ बंटबारा ना किया जाए, तो परिवार के सदस्यों के बीच किस तरह की कानूनी परेशानियां खड़ी हो सकती हैं. इस केस से सीखा जा सकता है कि अगर परिवार में कई सदस्य हैं तो फिर वसीयत या किसी ट्रस्ट का होना कितना जरूरी है.
क्या है विवाद?
संजय कपूर की मौत के बाद उनकी मां रानी कपूर ने कई दावे किए थे और कहा था कि उनके पति ने जो वसीयत लिखी थी, उसमें उन्हें सबसे बड़ा लाभार्थी माना गया था. हालांकि कपूर की कंपनी सोना कॉमस्टार ने दावों को खारिज कर दिया था. उनके अलावा संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव ने भी संपत्ति पर अपना दावा किया है. वहीं एक्स वाइफ करिश्मा कपूर के बच्चों ने भी पिता की संपत्ति पर अपना हक बताया है. इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कपूर की संपत्तियों की पूरी सूची मांगी है, जिससे यह साफ हो गया है कि वसीयत या किसी ट्रस्ट का ना होना बाद में चलकर किसी बड़े विवाद को जन्म दे सकती है.
वसीयत के लिए जरूरी शर्तें
- वसीयत लिखित रूप में होनी चाहिए. मौखिक वसीयत केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही मान्य होती है.
- वसीयत पर वसीयतकर्ता (वह व्यक्ति जो वसीयत बना रहा है) के हस्ताक्षर होने चाहिए.
- यदि वसीयतकर्ता हस्ताक्षर नहीं कर सकता, तो वह किसी और व्यक्ति से अपनी उपस्थिति में हस्ताक्षर करा सकता है.
- वसीयत पर कम से कम दो या उससे अधिक गवाहों के हस्ताक्षर होने चाहिए. ये गवाह वसीयतकर्ता के सामने हस्ताक्षर करते हैं.
- वसीयतकर्ता वसीयत बनाते समय मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए.
- यदि यह साबित हो जाए कि वसीयतकर्ता पर कोई दबाव था, या वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था, तो वसीयत अमान्य हो सकती है.
संजय कपूर केस से मिली 5 सबसे बड़ी सीख
यह हाई-प्रोफाइल विवाद इस बात पर जोर देता है कि हर व्यक्ति, खासकर जिनके पास बड़ी संपत्ति है या जिनके जीवन में एक से अधिक शादियां हुई हैं, उन्हें अपनी उत्तराधिकार योजना को स्पष्ट और पारदर्शी बनाना चाहिए.
- वसीयत या ट्रस्ट का निर्माण
एक स्पष्ट और कानूनी रूप से मान्य वसीयत या पारिवारिक ट्रस्ट बनाकर आप अपनी संपत्ति का बंटवारा अपनी इच्छानुसार कर सकते हैं. यह सुनिश्चित करता है कि आपकी संपत्ति उन्हीं लोगों को मिले, जिन्हें आप देना चाहते हैं.
- परिवार से खुलकर बात करें
अपनी उत्तराधिकार योजनाओं के बारे में परिवार के सदस्यों के साथ खुलकर चर्चा करना बहुत जरूरी है. यह भविष्य में होने वाली गलतफहमियों और विवादों को कम करने में मदद करता है.
- जरूरी कागजों को अपडेट रखें
समय-समय पर अपने कानूनी दस्तावेजों की समीक्षा करें और उन्हें अपडेट करते रहें, खासकर जीवन में बड़े बदलावों (जैसे शादी, तलाक, या बच्चों का जन्म) के बाद.
- पेशेवर सलाह लें
किसी कानूनी सलाहकार या वित्तीय योजनाकार से सलाह लेना सबसे अच्छा होता है. वे सुनिश्चित करते हैं कि आपके सभी दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य हों और आपकी इच्छाओं के अनुसार तैयार किए गए हों.
- परिवार के लिए एक सुरक्षा कवच
यह विवाद हमें सिखाता है कि अपनी संपत्ति का सही प्लानिंग सिर्फ कानूनी खाना-पूर्ति नहीं है, बल्कि यह आपके परिवार के लिए एक सुरक्षा कवच है. जब आप पहले से ही सब कुछ तय कर लेते हैं, तो बाद में परिवार वालों को कानूनी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है.
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