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आईसीसी का सूर्यकुमार पर यह कैसा फैसला? आखिर भारतीय कप्तान ने पहलगाम हमले के पीड़ितों पर क्या गलत बोल दिया

ICC on Suryakumar Yadav: भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के बयान पर बुधवार को मैच रेफरी ने सुनवाई की, लेकिन जो भी कार्रवाई की खबर आ रही है, वह बहुत ही हैरान करने वाली है

आईसीसी का सूर्यकुमार पर यह कैसा फैसला? आखिर भारतीय कप्तान ने पहलगाम हमले के पीड़ितों पर क्या गलत बोल दिया
Asia Cup 2025: ICC को सूर्यकुमार यादव का बयान पसंद नहीं आया
  • भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की थी
  • पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने सूर्यकुमार के बयान को राजनीति प्रेरित और खेल की छवि खराब करने वाला बताया
  • ICC ने सूर्यकुमार को आधिकारिक चेतावनी दी और संभावित जुर्माना या डिमेरिट प्वाइंट की बात कही
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"हम पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़े हैं. हम अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं. मैं इस जीत को अपने सभी सशस्त्र बलों को समर्पित करना चाहता हूं जिन्होंने बहुत बहादुरी दिखाई. उम्मीद है कि वे हम सभी को प्रेरित करते रहेंगे, और जब भी हमें मौका मिले, हम उन्हें मैदान पर मुस्कुराने का और भी कारण देंगे"

...अब आप ही बताइए कि भारतीय टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने ऐसा क्या इसमें गलत बोल दिया? क्या सूर्यकुमार यादव का यह बयान आपको राजनीति से प्रेरित नजर आता है? आखिर कहां से इस बात में राजनीति की बू आ रही है? और इस बात से खेल की छवि भला कैसे खराब हो गई? लेकिन क्रिकेट को चलाने वाली पैतृक संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) को एशिया कप (Asia Cup 2025) में गुजरे 14 सितंबर को लीग राउंड में भारत के पाकिस्तान को 7 विकेट से पटखनी देने के बाद सूर्यकुमार यादव के इस बयान में गुनाह नजर आया है. ICC का मानना है कि सूर्यकुमार का यह बयान राजनीति से प्रेरित और खेल की  छवि को नुकसान पहुंचाने वाला भी.

इसी वजह (??) से (ICC) ने भारतीय कप्तान को चेतावनी दी है. साथ ही, संस्था सूर्या पर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगा सकती है या उनका एक डिमेरिट प्वाइंट काटा जा सकता है. दरअसल लीग मैच के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने सूर्यकुमार के खिलाफ उनके बयान के लिए आईसीसी से शिकायत की थी. इस मामले पर मैच रेफरी और पूर्व क्रिकेटर रिची  रिचर्डसन ने ने बुधवार को सुनवाई की, लेकिन जो भी सामने आ रहा है, वह बहुत ही ज्यादा हैरान करने वाला है. सवाल यह है कि आखिरकार भारतीय कप्तान ने आतंकी हमले में मारे गए पीड़ितों के समर्थन में खड़ा होने की बात कहकर कौन सी गुनाह कर दिया?. 

ICC का यह कैसा फैसला?

पैतृक संस्था ने सूर्यकुमार को उनके पहले मैच के बाद बयानबाजी के लिए आधिकारिक रूप से वॉर्निंग दी है, तो वहीं सूर्यकुमार का एक डिमेरिट प्वाइंट भी काटा जा सकता है या उन पर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया जा सकता है.  ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि आखिर शिकायत को स्वीकारने, फिर वॉर्निंग देने और डिमेरिट प्वाइंट का क्या मतलब? क्या वास्तव में यह शिकायत बनती भी है? क्या किसी देश का कप्तान आतंकी हमले में मारे गए अपने लोगों और उनके परिजनों के प्रति संवेदना भी व्यक्त नहीं कर सकता? क्या किसी मैच की जीत को अपनी सेना को समर्पित नहीं कर सकता? वैसे सवाल यह भी है कि बीसीसीआई ने सूर्यकुमार यादव के खिलाफ इस शिकायत को कैसे लिया या लेगा?

डिमेरिट प्वाइंट कटने का मतलब

डिमेरिट प्वाइंट आईसीसी की आचार संहिता में लेवल-1 के अपराध को बयां करता है. यह अंक खिलाड़ी विशेष के अनुशासन के रिकॉर्ड में योगदान देता है. एक डिमेरिट प्वाइंट का अर्थ प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसका दोहराव होने पर प्रतबिंध लगाया जा सकता है. खिलाड़ी विशेष के रिकॉर्ड में जैसे ही डिमेरिट प्वाइंट 4-7 तक पहुंचते है, तो उस पर एक मैच का प्रतिबंध लग सकता है.

ये 2 आरोप लगाए थे पाकिस्तान ने

पाकिस्तान ने अपनी शिकायत में कहा था कि सूर्यकुमार यादव का बयान राजनीति से प्रेरित थे. साथ ही पीसीबी ने कहा था कि यादव ने इस बयान से आईसीसी की आचार संहिता का उल्लंघन करने के साथ ही खेल की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है. माना जा रहा है कि पीसीबी ने 14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच के बाद निर्धारित सात दिनों की अवधि के भीतर शिकायत दर्ज कराई थी. 

आतंकी हमलों पर पहले भी खेल दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि

9/11 आतंकी पर श्रद्धांजलि: 11 सितंबर, साल 2011 को अमेरिका पर हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया की कई अलग-अलग खेलों की टीमों और खेल दिग्गजों ने अपनी टीमों की जीत को मृतकों और उनके परिजनों को समर्पित किया. 

नजमुल हुसैन शंटो ने भी मृतकों को समर्पित की थी जीत: बांग्लादेशी कप्तान नजमुल हुसैन शंटो ने पिछले साल  टेस्ट मैच में मिली जीत को देश में राजीतिक विरोध प्रदर्शन में मारे गए लोगों को समर्पित की थी. पिछले साल बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के विरोध में पूरे बांग्लादेश में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए थे. इसमें काफी संख्या में लोग मारे गए थे. 
 

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