राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनडीटीवी के साथ खास इंटरव्यू में अपने प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट पर हमला किया. उनके अनुसार राजस्थान सरकार में उलटफेर करने के लिए सचिन पायलट ने जो बगावत की थी उसमें केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल थे.
अशोक गहलोत को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से हटाकर कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की पार्टी हाईकमान की इच्छा का राजस्थान में विरोध हुआ था. इस बारे में अशोक गहलोत से यह पूछे जाने पर कि, कहा जा रहा था कि एमएलए आपके वफादार थे और आपके कहने पर बगावत कर रहे थे? उन्होंने कहा कि, ''यह बिल्कुल बकवास है. मुझे लोग जानते हैं, पूरा देश जनता है कि मेरा नेचर क्या है. मुझे कांग्रेस पार्टी ने और गांधी फैमिली ने 50 साल से लगातार... देश में एक मात्र मैं होऊंगा, एनएसयूआई से लेकर आज तक मैं पांच बार मेंबर ऑफ पार्लियामेंट, तीन बार केंद्रीय मंत्री, तीन बार एआईसीसी का महामंत्री, तीन बार सीएम बना. मुझे क्या जरूरत बगावत की, मुझे सब कुछ दिया इन लोगों ने.''
यानी आप कह रहे हैं कि जो कुछ हुआ, वह आपके कहने से नहीं हुआ? सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा, ''सवाल ही पैदा नहीं होता है. एक भी एमएलए कह दे, मैं पद छोड़ दूं.'' विधायकों की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि, ''वे इसलिए नाराज हो गए थे क्योंकि यह बात फैला दी गई थी कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना देंगे. उन्होंने (सचिन पायलट) खुद भी इस प्रकार का व्यवहार किया. उन्होंने कई जगह टेलीफोन किए. स्थिति यह बन गई कि विधायकों को लगा कि एक लाइन का प्रस्ताव आएगा और कल शपथ होगी. इस भ्रम को लेकर सब इकट्ठे हो गए.''
सचिन पायलट यदि सीएम बनते तो आपत्ति क्या थी? सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि, ''जिनके कारण हम 34 दिन होटल में बैठे रहे, सरकार गिरा रहे थे ये. उसमें अमित शाह भी शामिल थे, धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल थे. सबकी दिल्ली में मीटिंग हो रही थी. हमारे कुछ एमएलए गए थे. लोग 34 दिन तक रिसॉर्ट में रहे. उनको उसी रिसॉर्ट में रखा गया था जहां मध्यप्रदेश के एमएलए गए थे.''
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