सुप्रीम कोर्ट सबरीमला मामले (Sabarimala Case) में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख कल तय करेगा. CJI ने कहा कि हमें पता है कि इस मामले में संविधान पीठ के फैसले पर 19 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हैं. नेशनल अयप्पा डिवोटी एसोसिएशन ने इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है. यह याचिका अध्यक्ष शैलजा विजयन की तरफ से दायर की गई है. इसके अलावा भी कई याचिकाएं दाखिल हैं. याचिका में कहा गया है कि जो महिलाएं आयु पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आईं थीं वे अयप्पा भक्त नहीं हैं. ये फैसला लाखों अयप्पा भक्तों के मौलिक अधिकारों को प्रभावित करता है. फैसले के जरिए लोगों की आवाज़ के लिए मेल नहीं खाया जा सकता.
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याचिका में यह भी कहा गया है कि "याचिकाकर्ताओं का मानना है कि कोई भी कानूनी विद्वान यहां तक कि सबसे बड़ा न्यायवादी या न्यायाधीश भी जनता के सामान्य ज्ञान और ज्ञान का एक मैच नहीं हो सकता. इस देश में उच्चतम न्यायिक न्यायाधिकरण की कोई न्यायिक घोषणा नहीं. दिलचस्प बात ये है कि केवल याचिकाकर्ता और पक्षकार ही पुनर्विचार याचिका दायर करते हैं. यहां ये याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के सितंबर के फैसले में पक्षकार नहीं हैं.
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