केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने आरोप लगाया कि संघ परिवार कई स्थानों पर हत्या में शामिल रहा है
नई दिल्ली:
उज्जैन में आरएसएस के सह प्रचार प्रमुख कुंदन चंद्रावत द्वारा केरल के मुख्यमंत्री के बारे में दिए गए बयान से आरएसएस ने खुद को अलग करते हुए बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है. संघ के साथ अन्य दलों ने भी कुंदन चंद्रावत के बयान पर पड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
बता दें कि कुंदन चंद्रावत ने केरल में स्वयं सेवकों की कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हत्या का बदला लेने पर इनाम देने की घोषणा की थी. उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का सिर कलम करने पर एक करोड़ रूपये के इनाम की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि 300 बेकसूर लोग (आरएसएस से जुड़े) मार दिए गए लेकिन केरल के मुख्यमंत्री ने इसके प्रति आंखें मूंद लीं.
चंद्रावत की इस टिप्पणी से राजनीति में भूचाल आ गया. हालांकि, आरएसएस ने चंद्रावत की टिप्पणी से अपनी दूरी बना ली. संघ के राष्ट्रीय सह प्रचार प्रमुख जे. नंद कुमार ने कहा कि आरएसएस ऐसी टिप्पणियों की सख्त निंदा करता है. संघ हिंसा में यकीन नहीं रखता.
उधर, केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने आरोप लगाया कि संघ परिवार ने कई लोगों के हाथ काटे हैं. संघ हमें इधर-उधर की यात्रा करने से नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि आरएसएस कई स्थानों पर हत्या में शामिल रहा है.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि चंद्रावत की टिप्पणी से आतंकी संगठन के रूप में आरएसएस का असली रंग सामने आया है. येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजग सरकार की चुप्पी पर भी सवाल किया. माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि सरकार की चुप्पी आरएसएस को इस तरह की निंदा योग्य धमकियों के लिए प्रोत्साहित करता है.
इसने कहा कि इसके जरिए संघ ने इस बात की फिर से पुष्टि की है कि यह हिंसा और आतंक की राजनीति को फैलाता है जैसा कि हाल के महीनों में केरल में भी स्पष्ट दिखा है. पार्टी ने राज्य और केंद्र सरकार से चंद्रावत के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की मांग की.
केरल की विपक्षी कांग्रेस ने भी चंद्रावत की निंदा की जबकि प्रदेश भाजपा ने उनकी टिप्पणी से अपनी दूरी बना ली. बीजेपी की प्रदेश इकाई के महासचिव एएन राधाकृष्णन ने कहा कि यह बीजेपी की शैली नहीं है. बीजेपी एक ऐसा संगठन है जो अत्यधिक लोकतांत्रिक तरीके से काम करता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बता दें कि कुंदन चंद्रावत ने केरल में स्वयं सेवकों की कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हत्या का बदला लेने पर इनाम देने की घोषणा की थी. उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का सिर कलम करने पर एक करोड़ रूपये के इनाम की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि 300 बेकसूर लोग (आरएसएस से जुड़े) मार दिए गए लेकिन केरल के मुख्यमंत्री ने इसके प्रति आंखें मूंद लीं.
चंद्रावत की इस टिप्पणी से राजनीति में भूचाल आ गया. हालांकि, आरएसएस ने चंद्रावत की टिप्पणी से अपनी दूरी बना ली. संघ के राष्ट्रीय सह प्रचार प्रमुख जे. नंद कुमार ने कहा कि आरएसएस ऐसी टिप्पणियों की सख्त निंदा करता है. संघ हिंसा में यकीन नहीं रखता.
उधर, केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने आरोप लगाया कि संघ परिवार ने कई लोगों के हाथ काटे हैं. संघ हमें इधर-उधर की यात्रा करने से नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि आरएसएस कई स्थानों पर हत्या में शामिल रहा है.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि चंद्रावत की टिप्पणी से आतंकी संगठन के रूप में आरएसएस का असली रंग सामने आया है. येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजग सरकार की चुप्पी पर भी सवाल किया. माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि सरकार की चुप्पी आरएसएस को इस तरह की निंदा योग्य धमकियों के लिए प्रोत्साहित करता है.
इसने कहा कि इसके जरिए संघ ने इस बात की फिर से पुष्टि की है कि यह हिंसा और आतंक की राजनीति को फैलाता है जैसा कि हाल के महीनों में केरल में भी स्पष्ट दिखा है. पार्टी ने राज्य और केंद्र सरकार से चंद्रावत के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की मांग की.
केरल की विपक्षी कांग्रेस ने भी चंद्रावत की निंदा की जबकि प्रदेश भाजपा ने उनकी टिप्पणी से अपनी दूरी बना ली. बीजेपी की प्रदेश इकाई के महासचिव एएन राधाकृष्णन ने कहा कि यह बीजेपी की शैली नहीं है. बीजेपी एक ऐसा संगठन है जो अत्यधिक लोकतांत्रिक तरीके से काम करता है.
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