नीतिगत ब्याज दरों को यथावत रखने और आर्थिक पुनरुद्धार को गति देने वाला उदार रुख जारी रखने के रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के फैसले से उत्साहित शेयर बाजारों के दोनों प्रमुख सूचकांक गुरुवार को लगातार तीसरे कारोबारी दिन बढ़त के साथ बंद हुए. कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख से भी घरेलू शेयर बाजारों को मजबूती मिली. बीएसई का सूचकांक सेंसेक्स 460 अंक चढ़ गया, जबकि एनएसई का निफ्टी एक बार फिर 17,600 अंक के स्तर को पार कर गया. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स लगातार तीसरे कारोबारी दिन लाभ में रहा. सेंसेक्स 460.06 अंक यानी 0.79 प्रतिशत चढ़कर 58,926 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) का निफ्टी (NIFTY) भी 142.05 अंक यानी 0.81 प्रतिशत बढ़कर 17,605.85 अंक पर पहुंच गया.
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सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाटा स्टील 2.11 प्रतिशत वृद्धि के साथ सर्वाधिक लाभ में रही. इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और पावरग्रिड के शेयर भी फायदे में रहे. सेंसेक्स में सिर्फ चार कंपनियों में शेयर ही नुकसान में रहे. मारुति सुजुकी, नेस्ले इंडिया, अल्ट्राटेक सीमेंट और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों को 1.64 प्रतिशत तक का नुकसान उठाना पड़ा.
शेयर बाजारों में भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो दर को स्थिर बनाए रखने के फैसले का अनुकूल असर देखा गया. रिजर्व बैंक ने कहा कि महामारी से अर्थव्यवस्था के उबरने में मदद के लिए वह सहयोगी भूमिका निभाना जारी रखेगा. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 5.3 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में इसके 4.5 फीसदी रहने की संभावना जताई है. इसके अलावा अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के 7.8 प्रतिशत रहने का भी अनुमान जताया है. शेयर बाजारों को मौद्रिक नीति समिति के ये अनुमान पसंद आए. इसके अलावा उन्हें सकारात्मक वैश्विक बाजारों से भी समर्थन मिला.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजारों ने मजबूत वैश्विक संकेतों और सकारात्मक आरबीआई नीति से मिली रफ्तार को कायम रखा. बाजार को नीतिगत दरों में थोड़े बदलाव को अपेक्षा थी लेकिन केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति एवं आर्थिक वृद्धि के प्रति उदार रुख बनाए रखकर अचंभित किया.'' नायर ने कहा कि वैश्विक बाजारों ने अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने के पहले तेजी का रुख दिखाया. जूलियस बेयर इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं वरिष्ठ परामर्शदाता उन्मेश कुलकर्णी ने कहा कि रिजर्व बैंक ने इस नीतिगत समीक्षा के दौरान आश्चर्यजनक रूप से नरम सुर कायम रखा है.
उन्होंने कहा, ‘‘ओमिक्रॉन लहर से अर्थव्यवस्था के समक्ष मौजूद जोखिमों का जिक्र करने के साथ ही आरबीआई मुद्रास्फीति कम करने के बजाय आर्थिक पुनरुद्धार को तेज करने पर ज्यादा जोर दे रहा है. निकट भविष्य में बाजार की नजर इस पर होगी कि केंद्रीय बैंक अगले वित्त वर्ष में उधारी बढ़ने से किस तरह निपटेगा.'' पूंजीगत उत्पादों को छोड़कर बीएसई के सभी खंडों के सूचकांक बढ़त पर रहे. ऊर्जा, धातु, बैंक, वित्त और सूचना प्रौद्योगिकी सूचकांक सकारात्मक रहे. बीएसई का मिडकैप एवं स्मालकैप खंड 0.30 प्रतिशत तक बढ़ा.
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वैश्विक बाजार अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े आने के पहले बढ़त पर रहे. एशियाई बाजारों में शंघाई, हांगकांग, सियोल और तोक्यो के बाजार हल्की बढ़त के साथ बंद हुए. वहीं यूरोप के शेयर बाजार दोपहर के सत्र में सकारात्मक दिशा में नजर आए. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.08 प्रतिशत बढ़कर 91.62 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. अंतर-बैंकिंग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10 पैसा टूटकर 74.94 प्रति डॉलर रहा. इस बीच विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार बिकवाल बने हुए हैं. शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को एफआईआई ने 892.64 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं