विज्ञापन
This Article is From Nov 08, 2012

नोएडा अथॉरिटी के अध्यक्ष व सीईओ को हटाने के आदेश

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा अथॉरिटी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश दिए।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अमिताव लाला और न्यायाधीश पीकेएस बघेल की संयुक्त पीठ ने यह फैसला माधव समाज निर्माण समिति की तरफ से दायर जनहित याचिका पर दी।

याचिका में नोएडा अथॉरिटी के अध्यक्ष राकेश बहादुर और सीईओ संजीव शरण की नियुक्ति को चुनौती देते हुए कहा गया था कि जब दोनों अधिकारियों पर नोएडा में जमीन आवंटन में गड़बड़ी के आरोप हैं और जांच चल रही तो अखिलेश सरकार ने इन्हें नोएडा में कैसे नियुक्त कर दिया। दोनों अधिकारियों ने नोएडा में सरकारी जमीन को कौड़ियों के भाव बिल्डरों को देकर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया।

अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को ये आदेश भी दिया कि इनके हटाये जाने के बाद इनकी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कहीं भी तैनाती न की जाय। साथ ही नोएडा में 2005 से मई 2007 के बीच में हुए भूमि आवंटन के मामलों में जो भी शिकायत प्राप्त हुई है उनकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाए और छह माह में सीबीआई जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करे।

विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने अखिलेश सरकार पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोहरा आचरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ तो समाजवादी पार्टी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बात करती है और दूसरी तरफ भ्रष्ट और दागी अफसरों को प्रमुख पदों पर तैनात करती है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com