कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) को हाई कोर्ट से राहत मिली है. कर्नाटक हाई कोर्ट (Katnataka High Court) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच जारी रखने की मांग करने वाली सीबीआई सहित दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इस मामले में एक याचिका सीबीआई और दूसरी याचिका भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने दायर की थी. हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि सीबीआई आय से अधिक संपत्ति के मामले में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की जांच को जारी नहीं रख सकती है, क्योंकि राज्य ने पहले ही सीबीआई से अपने अधिकार क्षेत्र में काम करने की अनुमति वापस ले ली थी.
सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट जाने की छूट दी गई है, लेकिन फिलहाल वह उपमुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच नहीं कर सकती है. अब यह मामला लोकायुक्त को दिया गया है.
शिवकुमार अवैध संपत्ति मामले की जांच में सहयोग करने के लिए पिछले सप्ताह लोकायुक्त पैनल के समक्ष पेश हुए थे. इस मामले में उन्हें समन किया गया था.
येदियुरप्पा सरकार ने दिया था जांच का आदेश
इस मामले में राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा पारित एक पुराने आदेश को वापस ले लिया था, जिसे अदालत में सीबीआई और भाजपा विधायक ने चुनौती थी.
पिछले साल नवंबर में कांग्रेस सरकार ने सीबीआई की जांच के लिए सहमति वापस ले ली थी, जो सितंबर 2020 में शुरू हुई थी. सीबीआई का दावा है कि शिवकुमार ने 2013 से 2018 तक आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी. वह उस वक्त कांग्रेस सरकार में मंत्री थे.
माना जा रहा है कि यह रकम 74 करोड़ रुपये है.
फैसले से पहले शिवकुमार ने दी थी प्रतिक्रिया
इससे पहले शिवकुमार ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट के फैसले को भगवान की इच्छा मानकर स्वीकार करेंगे. कर्नाटक के हासन जिले में यतिनाहोल परियोजना कार्य का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था, "आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट का जो भी फैसला होगा मैं उसे ईश्वर की इच्छा मानकर स्वीकार करूंगा. मुझे भगवान और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है."
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