बुधवार को आत्महत्या से मरने वाले 50 वर्षीय किसान लीलाधर के शव को उसके परिवार के सदस्य जिला अस्पताल खाट पर ले गए. ये नजारा किसी छोटे गांव या कस्बे का नहीं है, बल्कि भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का है, जो मध्य प्रदेश का मेडिकल हब भी है. यहां फिर से बनाए जा रहे जिला अस्पताल की बदहाली सामने आयी है. बारिश की वजह से अस्पताल परिसर के कच्चे रास्ते कीचड़ से भर गए हैं.
इलाके की खराब सड़क की हालत की वजह से परिजन लीलाधर के शव को खाट पर कंधे पर रखकर पैदल ही अंतिम संस्कार से पहले पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर तक ले गए. जिसका वीडियो भी सामने आया है.
परिजनों ने कहा कि अस्पताल को तोड़कर फिर से बनाए जाने और इसमें लगातार देरी होने की वजह से हालत बदतर है. बारिश की वजह से कच्ची सड़क बह गई और उबड़-खाबड़ होने की वजह से शव को पैदल ही आधा किलोमीटर खाट पर ले जाना पड़ा.
इंदौर में भारी बारिश के बाद मुख्य सड़क बह गई है. अधिकारियों ने अस्पताल परिसर में एक नए भवन के निर्माण के कारण कच्छा रोड के क्षतिग्रस्त होने और ऑल वेदर रोड की कमी का आरोप लगाया.
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