सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश केंद्र सरकार के पास फिर से भेज सकता है. सूत्र बता रहे हैं कि किरपाल का नाम दोबारा भेजने पर कॉलेजियम में सहमति बन गई है. इसको लेकर चीफ जस्टिस (CJI) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ ने कॉलेजियम बैठक की. जहां कुछ और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए नामों पर चर्चा की गई.
देश के पूर्व चीफ जस्टिस बीएन किरपाल के बेटे सौरभ किरपाल का नाम 2017 से जजशिप के लिए आगे बढ़ा है. सबसे पहले दिल्ली हाईकोर्ट कॉलेजियम ने सौरभ किरपाल को जज नियुक्त करने की सिफारिश की. तब सरकार ने आईबी रिपोर्ट के जरिए अपनी आपत्ति दर्ज कराई.
सौरभ किरपाल की नियुक्ति को लेकर तब के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने भी सरकार को लिखा था कि वो अपनी आपत्तियां साफ-साफ बताएं. 2021 के बाद से ये दूसरा मौका होगा जब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम केंद्र सरकार को यह सिफारिश भेजेगा.
दरअसल नवंबर 2022 में केंद्र ने हाईकोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए 20 नामों की फाइल आपत्ति जताते हुए वापस कॉलेजियम को भेजी थी. इनमें 9 वो नाम जिनकी सिफारिश कॉलेजियम ने दोहराई थी. 11 वो हैं जिनकी पहली बार सिफारिश की थी. इनमें सौरभ किरपाल की फाइल भी शामिल थी.
दरअसल नवंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली कॉलेजियम ने वकील सौरभ किरपाल की दिल्ली हाईकोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की थी. दिल्ली हाईकोर्ट के कॉलेजियम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम को किरपाल का नाम अक्टूबर, 2017 में भेजा गया था. लेकिन किरपाल के नाम पर विचार करने को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन बार टाला.
वकील सौरभ किरपाल ने हाल ही में NDTV से कहा था कि उन्हें लगता है कि उनके साथ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह एक समलैंगिक हैं. जस्टिस एनवी रमना से पहले चीफ जस्टिस रहे एसए बोबड़े के कॉलेजियम ने कथित रूप से किरपाल का नाम टालते हुए उनके बारे में और भी जानकारी मांगी थी. हालांकि बाद में एनवी रमना के सीजेआई बनने के बाद नवंबर 2021 में उनके नाम की सिफारिश केंद्र को भेजी गई.
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