महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक खींचतान के बीच बागी विधायक के दीपक केसरकर ने एनडीटीवी से खास बातचीत की. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि सवाल अगर असली शिवसेना का है तो लोकतंत्र में हर चीज बहुमत के हिसाब से तय होती है. आज हमारे पास बहुमत है इसलिए असली शिवसेना हम हुए, हमने एकनाथ शिंदे को अपना नेता भी चुन लिया है. डिप्टी स्पीकर से जवाब देने के लिए मिले दो दिन के समय पर दीपक केसरकर ने कहा कि देखिए क्या जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय काफी होता है. खासकर तब जब बीच में शनिवार और रविवार पड़ रहा हो. नेचुरल जस्टिस में कम से कम सात दिन का नोटिस होता है. अगर सात दिन का नोटिस होता तो हम लोग समझते. ये तो एक चाल है. उन्होंने कहा कि दल बदल कानून विधानसभा के फ्लोर पर लागू होता है. पार्टी की मीटिंग में ना जाने को लेकर किसी को अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है. लोकतंत्र में जिसके पास नंबर होता है वही जीतता है. हमारे पास कोर्ट जाने का भी विकल्प है. किसी विधायक को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा के फ्लोर पर होना जरूरी है. कोई भी मीटिंग में शामिल होने को लेकर व्हिप जारी नहीं कर सकता. व्हिप सिर्फ विधानसभा में आने के लिए जारी किया जा सकता है.
दीपक केसरकर ने उद्धव गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि पहले 16 विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए. सिर्फ डिप्टी स्पीकर के कहने से कोई अयोग्य घोषित नहीं हो जाएगा, अगर ऐसा होता है हमारे पास कोर्ट जाने का विकल्प है. उनसे जब पूछा गया कि शिवसेना द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में छह प्रस्ताव पास हुए हैं. इनमें से एक में कहा गया है कि शिवसेना बाल ठाकरे की विचारधारा पर चलेगी. दूसरा प्रस्ताव ये है कि कोई दूसरा बाल ठाकरे के नाम पर वोट नहीं मांग सकते हैं. इसपर दीपक केसरकर ने कहा कि हम अभी वोट नहीं मांग रहे हैं. वोट तो तब मांगेगे जब चुनाव आएगा. उन्होंने कहा कि हमने अभी अपने गुट का कोई नाम नहीं रखा है. हमारे कार्यकर्ताओं की मांग है कि हमारे गुट का नाम शिवसेना बालासाहेब रखेंगे लेकिन अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है. हमारा मानना है कि जिसके पास बहुमत है वही शिवसेना है. आज हमारे पास बहुमत है इसलिए हम असली शिवसेना हैं.
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बता दें कि स्पीकर नरहरि जिरवाल ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया है. इससे बागी गुट को झटका लगा है. एकनाथ शिंदे गुट अब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. इस बीच, महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच गई है. टीम ठाकरे ने आयोग में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि शिंदे गुट 'बाला साहब' और 'शिवसेना' का नाम इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
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उधर, शिव सैनिक सड़कों पर उतर आए हैं. इसे देखते हुए मुंबई में धारा 144 लगा कर दिया गया है. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पुणे में उत्पात मचाया है. बागी विधायक तन्नाजी सावंत के दफ्तर में तोड़फोड़ की है. पुणे शहर के शिव सेना प्रमुख ने कहा है कि उनके ही कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की है. उन्होंने कहा कि सभी बागी विधायकों और गद्दारों, जिसने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को संकट में डाला है, को इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
शिवसैनिकों के उत्पात को देखते हुए मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी पुलिस थानों से शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. यह निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिस कर्मी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करें.
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