राम मंदिर निर्माण... रामलला की मूर्ति... प्राण प्रतिष्ठा, समिति अध्यक्ष ने बताया- कैसी है पूरी तैयारी

नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम लगभग 2 घंटों का होगा. प्रधानमंत्री मोदी समेत अति विशिष्ठ अतिथि गर्भ गृह में होंगे, मंडपों के नीचे कुछ बड़े साधु संत होंगे और परकोटे के अंदर कुर्सियां लगाकर बाक़ी मेहमानों को वहां बिठाया जाएगा.

राम मंदिर निर्माण... रामलला की मूर्ति... प्राण प्रतिष्ठा, समिति अध्यक्ष ने बताया- कैसी है पूरी तैयारी

नई दिल्ली:

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में बड़ी भूमिका निभाने वाले मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने रामलला के मंदिर को लेकर एनडीटीवी से ख़ास बातचीत की. राम मंदिर परिसर में उन्होंने मंदिर निर्माण, 22 जनवरी के आयोजन की तैयारी, भगवान राम की मूर्ति और श्रद्धालुओं को मिलने वाली सुविधाओं पर विस्तार से जानकारी दी.

नृपेंद्र मिश्र ने जन्मभूमि पथ पर बातचीत की शुरुआत करते हुए बताया कि श्रद्धालुओं का प्रवेश जिस जगह से होगा, वहां सुरक्षा जांच के लिए स्कैनर्स लगाए गए हैं. यात्रियों पर धूप और बरसात का असर ना पड़े, इसके लिए यात्रा मार्ग पर एक छत बनाई गई है. आगे बढ़ते हुए उन्होंने बताया कि कैसे 2020 में मंदिर निर्माण समिति को प्लिंथ के काम को लेकर बहुत समय लगा. प्लिंथ मज़बूत बने, इसके लिए एक्सपर्ट्स से तमाम सुझाव लिए गए.

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परिसर में आगे बढ़ते हुए राम मंदिर दिखाते हुए नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर के चारों तरफ परकोटे का काम चल रहा है. ये परकोटा 790 मीटर का है, जहां श्रद्धालु परिक्रमा कर सकेंगे. सिंह द्वार से प्रवेश होने के बाद पहले सीढ़ियों से नीचे चबूतरे पर जाना होगा, उसके बाद राम मंदिर की सीढ़ियां चढ़कर जब मंदिर में प्रवेश करेंगे तो अलग-अलग मंडपों से होते हुए रामलला का दर्शन किया जा सकेगा.

नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि मंदिर निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थर का उपयोग किया गया है. उन्होंने बताया कि जितने पत्थर मंदिर में लगे हैं, उसके दोगुने पत्थर परकोटे में लगाये गए हैं.

ट्रस्ट देगा चयनित मूर्ति की जानकारी
रामलला की मूर्ति को लेकर नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि फ़िलहाल किसकी मूर्ति चयनित की गई है, इसकी जानकारी ट्रस्ट की तरफ से दी जाएगी. हालांकि तीनों मूर्तिकारों की बनाई मूर्तियां ट्रस्ट के पास रहेंगी. इसमें से एक मूर्ति गर्भ गृह में रहेगी, वहीं बाक़ी दो मूर्तियों को कहां लगाना है, इस पर ट्रस्ट फ़ैसला करेगा. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम लगभग 2 घंटों का होगा. प्रधानमंत्री मोदी समेत अति विशिष्ठ अतिथि गर्भ गृह में होंगे, मंडपों के नीचे कुछ बड़े साधु संत होंगे और परकोटे के अंदर कुर्सियां लगाकर बाक़ी मेहमानों को वहां बिठाया जाएगा.

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Photo Credit: ANI

23 जनवरी से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख ने कहा कि आम श्रद्धालु 23 जनवरी से राम मंदिर में उसी गेट से प्रवेश करेंगे, जो मुख्य प्रवेश द्वार है. उन्होंने मंदिर के निर्माण को 2024 के अंत तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखे जाने की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका है, पहले तल का काम चल रहा है. दूसरे तल का काम होने के बाद शिखर का काम शुरू होगा. शिखर 161 फ़ीट लंबा बनेगा.

नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि ग्राउंड फ्लोर पर 5 साल के रामलला रहेंगे. गर्भ गृह में नई मूर्ति के साथ पुरानी मूर्ति भी स्थापित की जाएगी. ट्रस्ट तारीख़ तय करेगा और संभवतः 21 जनवरी के दिन वर्तमान में जिस रामलला की मूर्ति की पूजा हो रही है, उसे गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा. 22 जनवरी को अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद श्रद्धालू दोनों मूर्तियों की पूजा एक साथ कर सकेंगे.
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नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि दूसरे तल पर राम दरबार सजेगा. इसमें भगवान राम, भृतज़ शत्रुघ्न और लक्ष्मण जी के अलावा माता सीता और हनुमान जी विराजेंगे. सबसे ऊपर यानी दूसरे तल पर विशेष अनुष्ठान के लिए जगह रखी जायेगी. हालांकि आम आदमी सिर्फ ग्राउंड और पहले फ्लोर तक ही जा सकता है.