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This Article is From Jan 11, 2024

"कट्टरपंथ की राजनीति उनके लिए ज़्यादा ज़रूरी" : कांग्रेस के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने पर BJP

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आपके मन में जो भी ईर्ष्या है द्वैष है, उसके खिलाफ आप भारत के विरोध तक चले जाते थे, आज आप भगवान के विरोध तक चले गए.

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल न होने के कांग्रेस के फैसले पर बीजेपी का हमला

नई दिल्ली:

अयोध्या स्थित राम मंदिर में आगामी 22 तारीख को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है. इस आयोजन में देश के प्रधानमंत्री मोदी समेत कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी. श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और कई बड़ी हस्तियों को भी इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया है. प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया था. लेकिन अब खबर आ रही है कि कांग्रेस ने इस आयोजन में शामिल होने से इनकार कर दिया है. कांग्रेस के इस फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है. 

"जिसने गोली चलाई थी वो भी आ रहे हैं"

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में ना आने का फैसला कांग्रेस के अंदर का भारतीय संस्कृति, हिन्दू धर्म और हिन्दुत्व के प्रति जो विरोध वो दर्शाता है. अब बताइये इससे ज्यादा क्या होगा कि श्री राम जन्मभूमि केस में जो बाबरी मस्जिद पक्ष के पक्षकार इकबाल अंसारी थे उन्हें आमंत्रण दिया गया है. जिसने गोली चलाई उन्हें भी आमंत्रण दिया गया है. और वो आने को भी तैयार हैं. ये हिन्दू धर्म की महान परंपरा के उदारता के अनुरूप है. लेकिन चंद कट्टरपंथी वोटों के लिए कांग्रेस और कांग्रेस गोत्र के सारे दल आज हाहाकार मचाने को तैयार हैं. 

"अब कांग्रेस की प्रतिष्ठा भी समाप्त हो गई है"

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक अवसर का विरोध करते करते कांग्रेस ने आज भारत, भारतीयता के श्रेष्टतम मूल्यों के प्रतीक भगवान श्री राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार कर ये दर्शा दिया है कि कांग्रेस के लिए राष्ट्र और राजनीति में कट्टरपंत की राजनीति ज्यादा महत्वपूर्ण है. 

मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार करके कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की परंपरा, कांग्रेस गोत्र के जितने दल हैं उन्होंने ये साबित कर दिया है कि वो राजनीतिक तौर पर निष्प्राण तो होते ही जा रहे थे लेकिन अब उनकी प्रतिष्ठा भी समाप्त हो गई है. 

"आज आप भगवान के विरोध भी चले गए"

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आपके मन में जो भी ईर्ष्या है द्वैष है, उसके खिलाफ आप भारत के विरोध तक चले जाते थे, आज आप भगवान के विरोध तक चले गए. मैं ये भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने उन्हें आमंत्रण दिया था तो अगर उन्हें सद्बुद्धि आई होती तो वो अपने पूर्व कर्मों का परिस्कार करने के लिए आ जाते. वैसे कांग्रेस पार्टी के अंदर ही कई नेता प्राण प्रतिष्ठा में ना जाने के अपनी पार्टी के इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं. 

अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने भी दी प्रतिक्रिया

वहीं, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वे अपनी बयानबाजी में फंस गए हैं...उन्हें गंभीरता से क्यों लें? अगर वे नहीं जाएंगे तो उन्हें अफसोस होगा।" केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कांग्रेस को लेकर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का राम विरोधी एजेंडा देश के सामने उजागर हो गया है. यह आश्चर्य की बात नहीं है कि कांग्रेस ने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया. यह वही कांग्रेस है जिसने भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था.

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