राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम: प्रमुख विपक्षी नेता रहे दूर, कई ने दी शुभकामनाएं

अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरद्वारे जैसे विभिन्न उपासना स्थलों पर गयीं तथा सर्वधर्म रैली की अगुवाई करते हुए धार्मिक सद्भाव के लिए सांकेतिक यात्रा की.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम: प्रमुख विपक्षी नेता रहे दूर, कई ने दी शुभकामनाएं

नई दिल्ली: कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के कई घटक दलों के प्रमुख नेता अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए, हालांकि इनमें से कुछ दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर रामलला की तस्वीर साझा करते हुए लोगों को शुभकामनाएं दीं तथा ‘जय सियाराम' का उद्घोष किया.

अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई जिसके साक्षी देश-विदेश में लाखों रामभक्त बने. इस अवसर पर विशेष अनुष्ठान में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे अलौकिक क्षण बताते हुए ‘सियावर रामचंद्र की जय' और ‘जय श्रीराम' का उद्घोष किया.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव उन प्रमुख विपक्षी नेताओं में शामिल रहे जिन्हें निमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम से दूरी बनाने का फैसला किया.

कांग्रेस नेतृत्व ने भगवान राम में अपनी आस्था व्यक्त करने के साथ ही यह कहते हुए निमंत्रण अस्वीकार कर दिया था कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कार्यक्रम है. कार्यक्रम में शामिल होने वाले कुछ कांग्रेस नेताओं में हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह रहे.

उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन असम में श्री श्री शंकर देव सत्र मंदिर में दर्शन करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसके बाद वह धरने पर बैठ गए. राहुल गांधी ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी तय करेंगे कि मंदिर में कौन जाएगा.

अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरद्वारे जैसे विभिन्न उपासना स्थलों पर गयीं तथा सर्वधर्म रैली की अगुवाई करते हुए धार्मिक सद्भाव के लिए सांकेतिक यात्रा की.

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ‘इंडिया' गठबंधन के कई प्रमुख नेता भले ही शामिल न हुए हों, लेकिन इसके कुछ घटक दलों के नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा की शुभकामनाएं दीं. आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘एक्स' पर रामलला की मूर्ति की तस्वीर साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘‘मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्रतिष्ठापन के इस पवित्र अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. जय सियाराम.''

आप ने दिल्ली के कई इलाकों में सुंदरकांड के पाठ और कुछ अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सियाराम उस पावन हृदय में बसते हैं, जो रीति-नीति-मर्यादा का मान करता है.

सपा प्रमुख ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स' पर अपने संदेश में कहा, ‘‘उस पावन हृदय में बसते हैं ‘सियाराम', जो करता रीति-नीति-मर्यादा का मान.'' इसी पोस्‍ट में यादव ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें जय श्रीराम के नारों से गूंजती भगवान राम की झांकी है.

अखिलेश द्वारा साझा किए गए छोटे एनिमेटेड वीडियो में राम, लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या पहुंचते हुए दिखाई देते हैं. उन्होंने असम में मंदिर के दर्शन करने की कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अनुमति न मिलने की घटना की भी परोक्ष रूप से आलोचना की.

सपा प्रमुख ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘किसी को भी भगवान के दर्शन करने से रोकने से बड़ा अधर्म और क्या हो सकता है.'' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रामलला की तस्वीर साझा करते हुए ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘सियावर रामचंद्र की जय.''

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रामलला के विराजमान होने को धर्म, संस्कार और संस्कृति की जीत करार दिया तथा कहा कि वह जल्द अयोध्या पहुंचकर दर्शन करने की अभिलाषी हैं. प्रियंका ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘‘आज हम सभी देशवासियों के लिए ऐतिहासिक क्षण है, आज सदियों के लंबे इंतजार के बाद प्रभु श्रीराम अपने घर अयोध्या में विराजमान हुए हैं. ये हमारे धर्म, संस्कार और संस्कृति की जीत है. ये साधु-संतों के सदियों के संघर्ष और इस देश की जनता के इस अटूट धैर्य, “कि कानून न्याय देगा” की जीत है.''

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उन्होंने कहा, ‘‘मनोकामना है कि शीघ्र ही मैं सपरिवार अयोध्या धाम पहुंचकर प्रभु श्रीराम के दर्शन करूं. प्रभु श्रीराम सबके हैं और हम सभी इस राष्ट्र को उन्नत बनाने के लिए प्रभु श्रीराम के विचारों को आत्मसात करें. जय सियाराम !''



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)