राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर होगी. साथ ही करीब दस दिनों तक इसे लेकर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम कैसे होगा और इसकी क्या खासियत होगी, इसे लेकर हमारे सहयोगी रवीश रंजन शुक्ला ने राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Misra) से बातचीत की. नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया जाएगा.
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में दुनिया भर के साधु संतों को प्रमुखता दी जाएगी. इस भव्य कार्यक्रम को गांवों और शहरों के साथ ही विदेशों में भी प्रसारित करने की कोशिश होगी.
राम मंदिर के मॉडल से समझाते हुए मिश्रा ने कहा कि मंदिर के भूतल पर राम कथा प्रदर्शित की जाएगी. प्रमुख मंदिर तीन एकड़ क्षेत्रफल का रहेगा और मंदिर का परकोटा करीब नौ एकड़ का होगा.
नागर शैली का है आर्किटेक्चर
उन्होंने बताया कि मंदिर से ज्यादा लागत परकोटा (यानी मंदिर का बाहरी क्षेत्र) निर्माण की है. परकोटे में भगवान राम के प्रसंगों को प्रदर्शित किया जाएगा. मिश्रा ने मंदिर के आर्किटेक्चर के बारे में बताते हुए कहा कि यह नागर शैली का है.
सोने का शिखर, 1000 साल की आयु
साथ ही उन्होंने कहा कि राममंदिर की आयु कम से कम 1000 साल की होगी और यह सभी श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा. मंदिर के तीन गेट होंगे और इसका शिखर सोने का होगा. बता दें कि राम मंदिर निर्माण का कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है.
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