विज्ञापन

दिल चीर देगी दुधमुंहे बच्चे की ये कहानी, मुंह में कंकड़ ठूंसकर कलियुगी मां ने चिपका दिए होंठ, ऐसे हुई गिरफ्तार

कभी कभी ऐसी भी दिल चीर देने वाली देने वाले वाकये सामने आते हैं, जो हमें सोचने को मजबूर कर देते हैं. क्या कोई मां इतनी भी क्रूर हो सकती है कि वो अपने बच्चे की जान लेने के लिए इस हद तक चली जाए.

दिल चीर देगी दुधमुंहे बच्चे की ये कहानी, मुंह में कंकड़ ठूंसकर कलियुगी मां ने चिपका दिए होंठ, ऐसे हुई गिरफ्तार
newborn child story
भीलवाड़ा:

Rajasthan Shocking News: कोई मां क्या इतनी भी निर्दयी हो सकती है? जिस मासूम को उसने अपनी कोख में 9 महीने पाला, उसे पैदा होने के बाद मौत देने के लिए उसके मुंह में कंकड़ पत्थर ठूंस दिए और जंगल में उसे फेंक दिया. उसने इस हद तक क्रूरता और बेरहमी दिखाई कि दुधमुंहा बच्चा रो न सके तो उसके ओंठों में फेवी क्विक लगा दिया. लेकिन कहते हैं ना, जाको राखे साइंया मार सके ना कोय... ऐसी ही किस्मत लेकर जन्मा वो अभागा बच्चा अब जिंदगी मौत के बीच झूल रहा है. उसे NICU में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. जंगल में मवेशियों को चरा रहा चरवाहा उसके लिए भगवान बनकर आया. उसने बच्चे की ऐसी हालत देखकर उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने केस का खुलासा कर उस बच्चे की कलियुगी मां और नाना को गिरफ्तार कर लिया है. 

19 दिनों के मासूम को पत्थर के बीच दबाया
मां ने अपने 19 दिन के मासूम को पत्थरों के बीच ऐसे दबाया था कि वो करवट भी न ले सके. बच्चा रो ना सके तो इसलिए मां ने उसके मुंह में कंकड़ पत्थर भर दिए और होंठ से चिपका दिए. राजस्थान के भीलवाड़ा के मांडलगढ़ की यह कहानी किसी पत्थर दिल इंसान का भी कलेजा चीर देने वाली है. चरवाहे ने जब पत्थरों के बीच दबी नन्हीं सी जान को देखा तब तक उसका कोमल  शरीर तेज धूप से बुरी तरह जल चुका था.भूख और प्यास के बीच वो बस मरने की कगार पर थे. उसके होंठों पर पपड़ी पड़ चुकी थी. कुछ देर वो यह समझ ही नहीं पाया कि ये हकीकत है या कुछ और. बुरी तरह कांप रहे चरवाहे ने तुरंत ही उसे लेकर भागा.  

newborn child

newborn child

सीता कुंड मंंदिर के पास का वाकया
मांडलगढ़ के सीता माता कुंड मंदिर के पास जंगल में नवरात्रि के तीसरे दिन उसे यह 19 दिन का नवजात मिला था. चरवाहा हीरालाल बकरियां चराते हुए वहां बैठा था, तभी उसे हल्की हल्की सिसकियों की आवाज सुनाई दी. उसने नजदीक जाकर देखा तो सन्न रह गया. पत्थरों के बीच से एक हाथ बाहर निकला था. वो मरणासन्न अवस्था में था. उसने तुरंत गांव वालों और पुलिस को सूचना दी.

बाल कल्याण समिति भीलवाड़ा के सदस्य विनोद राव का कहना है कि पुलिस ने बच्चे को निकालकर महात्मा गांधी अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती करवाया. डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के शरीर में इन्फेक्शन फैल चुका था और धूप में गर्म पत्थरों से उसका पैर जल गया था, लेकिन फिलहाल हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.

Bheelwara

Bheelwara

अवैध संबंधों में जन्मा बच्चा!
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि बच्चा अवैध संबंध से जन्मा था. बदनामी के डर से मां और उसके पिता ने बूंदी में किराये पर कमरा लेकर पहचान छिपाई और वहीं डिलीवरी कराई. पहले बच्चे को बेचने की कोशिश हुई जब नाकाम रहे तो 19 दिन बाद उसे पत्थरों में दबाकर मरने के लिए छोड़ दिया गया. पुलिस ने आसपास सभी इलाकों में डिलिवरी के मामलों की जानकारी कराई तो केस खुल गया. फिर उस बेरहम मां और नाना को गिरफ्तार कर लिया गया. अब उसका डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा, ताकि उसके पिता का भी पता चल सके. 

stone

stone

अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में मासूम
एसपी भीलवाड़ा धर्मेंद्र सिंह यादव का कहना है कि फिलहाल बच्चा अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में है और उसकी स्थिति में सुधार है, लेकिन अस्पताल में अपनी ज़िंदगी को जीने की जद्दोजहद कर रहा ये ये मासूम अपनी मां से केवल ये ही पूछ रहा होगा कि माँ तुम क्यों इतनी पत्थरदिल हो गई कि तुमने मुझे पत्थरों के बीच मरने के लिए छोड़ दिया? क्या मेरा रोना तुम्हारे दिल को छू नहीं सका, क्या बदनामी और समाज के डर में मां की ममता इतनी निर्दयी हो गई. इस मां के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com