राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल पेश करेंगे बजट

राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. गहलोत कह चुके हैं कि आगामी (वित्त वर्ष 2023-24) बजट युवाओं एवं महिलाओं पर केंद्रित होगा और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल पेश करेंगे बजट

(फाइल फोटो)

जयपुर:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को अगले वित्त वर्ष का बजट पेश करेंगे. चुनावी साल में आ रहा 'बचत, राहत एवं बढ़त' विषय वाला यह बजट युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित होगा. गहलोत ने गुरुवार को बजट को अंतिम रूप दिया.

गहलोत ने आला अधिकारियों के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘बचत, राहत और बढ़त ..लाएगा राजस्थान का बजट. प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति की बचत राहत बढ़त की सुनिश्चितता के संकल्प के साथ बजट 2023 को अंतिम रूप प्रदान किया.''

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर वित्तीय वर्ष 2023-24 के राज्य बजट को अन्तिम रूप दिया. इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, शासन सचिव वित्त (राजस्व) कृष्ण कांत पाठक, शासन सचिव वित्त (बजट) रोहित गुप्ता, शासन सचिव वित्त (व्यय) नरेश कुमार ठकराल एवं निदेशक (बजट) ब्रजेश शर्मा उपस्थित थे.

इसके अनुसार गहलोत 10 फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा में बजट पेश करेंगे. गहलोत के पास वित्त विभाग भी है. उनका यह मौजूदा कार्यकाल का पांचवां एवं अंतिम बजट होगा. राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. गहलोत कह चुके हैं कि आगामी (वित्त वर्ष 2023-24) बजट युवाओं एवं महिलाओं पर केंद्रित होगा और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा.

जानकारों के अनुसार इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ऐसा माना जा रहा है कि बजट में सरकार युवाओं और समाज कल्याण के लिए कई नई योजनाएं और कार्यक्रम पेश कर सकती है. मुख्यमंत्री पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि राज्य सरकार महंगाई के असर को कम करने के लिए गरीब परिवारों को 500 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से साल में 12 सिलेंडर देगी. इसके अलावा वह गरीब परिवारों को 'रसोई किट' देने पर विचार करने की बात भी कह चुके हैं.

मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि सरकार जल्द ही ओला, उबर, स्विगी जैसे ऐप के माध्यम से काम कर रहे 'गिग वर्कर्स' की सामाजिक सुरक्षा के लिए भी योजना बनाएगी, ताकि कंपनियां इनके साथ मनमानी ना कर सकें. उम्मीद है कि वे इस बारे में बजट में कोई घोषणा कर सकते हैं. स्विगी एवं ओला जैसी ऐप-आधारित सेवाओं के लिए काम करने वालों को ‘गिग वर्कर्स' कहा जाता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)