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This Article is From Aug 20, 2022

जूनियर रेलकर्मी प्रमोशन के लिए अपने सीनियर अफसरों का करेंगे मूल्यांकन, रेलवे में बड़ा बदलाव

Railway Promotion : इससे न केवल भारतीय रेलवे में कार्य संस्कृति में बदलाव आएगा बल्कि कुछ अधिकारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) का रास्ता भी तैयार होगा. एक अधिकारी ने कहा कि इस एपीएआर के तहत करीब 20,000 अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे.

जूनियर रेलकर्मी प्रमोशन के लिए अपने सीनियर अफसरों का करेंगे मूल्यांकन, रेलवे में बड़ा बदलाव
Railway Job : रेलवे में प्रमोशन के लिए नई प्रणाली लागू की जाएगी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

रेलवे (Railway Board) ने वरिष्ठ आईएएस-आईपीएस औऱ भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के लिए लागू केंद्र सरकार के 360 डिग्री इवैल्यूशन सिस्टम को अपनाने का संकेत दिया है. इसके तहत रेलकर्मी (Railway Employee) अपने सहयोगियों और सीनियर रिपोर्टिंग अफसरों का मूल्यांकन (Annual Performance Appraisal Report) भी कर सकेंगे. रेलकर्मियों को अपने समकक्षों और अधीनस्थों को भी अपने रिपोर्टिंग अधिकारियों का मूल्यांकन करने की छूट होगी. रेलवे बोर्ड ने 18 अगस्त को जारी एक आदेश में कहा है कि उसने अपनी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (APAR) तैयार करते समय अधिकारियों के बारे में फीडबैक लेने का निर्णय लिया है. इसका डेटाबेस तैयार करने के लिए स्पेरो सिस्टम में एक ऑनलाइन लिंक सक्रिय किया गया है, जो एपीएआर 2022-2023 से प्रभावी होगा.

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रेलवे बोर्ड के मुताबिक, हरेक अधिकारी के लिए हर साल उसके रिपोर्टिंग प्राधिकारी और उसके सभी अधीनस्थों को एक लिंक भेजा जाएगा. उनसे मिले फीडबैक को अधिकारी के डेटा बेस में गुमनाम रूप से दर्ज किया जाएगा. इसमें यह नहीं पता लगाया जा सकेगा कि किस वरिष्ठ या अधीनस्थ ने क्या फीडबैक दिया है. आदेश में सभी अधिकारियों से बिना किसी पूर्वाग्रह के निष्पक्ष टिप्पणी एवं ग्रेडिंग देने का अनुरोध किया गया है. यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी. इस नई मूल्यांकन प्रणाली को लेकर अधिकारियों के एक वर्ग का कहना है कि इससे न केवल भारतीय रेलवे में कार्य संस्कृति में बदलाव आएगा बल्कि कुछ अधिकारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) का रास्ता भी तैयार होगा. एक अधिकारी ने कहा कि इस एपीएआर के तहत करीब 20,000 अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे.

रेलवे से जुड़े सूत्रों का मानना है कि आगे चलकर फीडबैक लेने का दायरा बढ़ाया जा सकता है. रेल अधिकारियों के साथ काम करने वाले ठेकेदारों और विक्रेताओं जैसे गैर-रेलवे व्यक्तियों से प्रतिक्रिया लेने के लिए इस प्रणाली का दायरा और बढ़ाया जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक, फीडबैक दर्ज होने के बाद तीन या चार सदस्यीय समिति किसी अधिकारी की पदोन्नति के बारे में फैसला करेगी. अधिकारियों के लिए सिस्टम पहले से मौजूद है लेकिन यह साफ नहीं है कि इस समिति के सदस्यों का मूल्यांकन कौन करेगा.

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