भारतीय रेलवे (Railway) ने कम दूरी के सफर पर किराया बढ़ा दिया है. किराया बढ़ाने के पीछे तर्क दिया गया है कि कोविड महामारी के चलते कम दूरी की ट्रेनों में लोग न चढ़ें. गौरतलब है कि इस समय कम दूरी की यात्रा वाली ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस के तौर पर चलाया जा रहा है. रेलवे का तर्क है कि जो अवॉइड करने वाली जर्नी है उसको लोग अवॉइड करें. यही वजह है की ट्रेन का किराया महंगा किया गया है. लेकिन इस फैसले से 'लोकल' यात्रियों की जेब पर दो से तीन गुना तक असर पड़ेगा, जानें पुराने और नए किराये के बीच का फर्क..
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दिल्ली सहारनपुर वाया शामली : 40 रु (पहले) - 70 रु (अब)
दिल्ली कुरुक्षेत्र वाया सब्ज़ी मंडी : 35 रु (पहले)- 70 रु (अब)
दिल्ली बरेली वाया मुरादाबाद : 55रु (पहले) - 95 रु (अब)
पलवल गाजियाबाद : 25 रु (पहले) - 45 रु (अब)
गाजियाबाद शकूरबस्ती वाया निजामुद्दीन : 20 रु (पहले) - 40 रु (अब)
गाजियाबाद शकूरबस्ती वाया दिल्ली किशनगंज : 10 रु(पहले) - 30 रु (अब)
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गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कम दूरी के सफर पर रेलवे की ओर से किराए में की गई इस वृद्धि पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था, 'कोविड- आपदा आपकी, अवसर सरकार का. पेट्रोल-डीज़ल-गैस-ट्रेन किराया. मध्यवर्ग को बुरा फंसाया. लूट ने तोड़ी जुमलों की माया!' रेलवे के एक आला अफसर ने हाल ही में बताया था कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर यात्री ट्रेनों के परिचालन में कटौती और इनमें क्षमता से कम लोगों के सफर करने के कारण पश्चिम रेलवे को सालाना करीब 5,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
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