
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा लद्दाख में भारत-चीन गतिरोध को लेकर किए अपने ताजा हमले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सरेंडर मोदी' कह दिया. हालांकि राहुल गांधी ने सरेंडर की स्पेलिंग सुरेंदर की तरह लिखी. इसलिए बीजेपी ने इसे कुछ अलग अंदाज में शेयर किया औऱ आज दिन ट्विटर पर सुरेंदर मोदी ट्रेंड करता रहा. राहुल गांधी ने अपने टवीट में लिखा, 'नरेंद्र मोदी असल में सरेंडर मोदी है. ' इस ट्वीट के साथ उन्होंने प्रसिद्ध रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी का एक लेख था, जो एक विदेशी प्रकाशन में छपा था.
इस ट्वीट के बाद बीजेपी की तरफ से काफी तीखी प्रतिक्रिया आई. जबकि बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने श्री गांधी के शब्दों को एक तारीफ के रूप में लिया, शाम तक, #SurenderModi नंबर एक ट्विटर ट्रेंड बन गया क्योंकि कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या गांधी को "आत्मसमर्पण" की वर्तनी गलत लगी. अन्य लोगों ने बताया कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख केवल शब्दों के साथ खेल रहे थे.
Narendra Modi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 21, 2020
Is actually
Surender Modihttps://t.co/PbQ44skm0Z
दरअसल राहुल गांधी ने Surrender की स्पेलिंग Surender लिखी जिसकी वजह से बीजेपी ने राहुल गांधी पर तंज भी कसा. यूपी जन संवाद वर्चुअल रैली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा: "आप कहते हैं - 'नरेंद्र मोदी सुरेंदर मोदी हैं'. इसका मतलब है कि आप कह रहे हैं कि मोदी-जी न केवल मनुष्यों के नेता हैं, बल्कि देवताओं (सुरेंद्र) के भी हैं.
वहीं पूर्वोत्तर में बीजेपी के वरिष्ठ नेता हेमंत बिसवा सरमा ने भी राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब दिया. उन्होंने लिखा. 'राहुल गांधी, आप इतने उत्तेजित हैं कि आप सही तरीके से स्पेल (वर्तनी) भी नहीं कर सकते हैं. और समर्पण गांधी-नेहरू परिवार की पहचान रही है. 1962 में, असम को पं नेहरू ने लगभग दे दिया था. जब चीनी सेना ने बोमडिला पर कब्जा कर लिया था, तो नेहरू ने कहा, "मेरा दिल असम के लोगों के लिए निकल जाता है." शर्म की बात है.'
Mr @RahulGandhi -You're so exasperated you can't even spell correctly!
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 21, 2020
And surrendering has been hallmark of Gandhi-Nehru family. In 1962, Assam was almost given away by Pt Nehru. When Chinese Army had captured Bomdila, Nehru said, "My heart goes out to people of Assam." Shame https://t.co/Tc13FuVgcc
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख मामले पर शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है . इससे पहले, राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के सर्वदलीय बैठक में दिए गए बयान को लेकर ट्वीट किया था, ‘‘प्रधानमंत्री ने चीनी आक्रामकता के आगे भारतीय भू-भाग चीन को सौंप दिया है. अगर भूमि चीन की थी: तो हमारे सैनिक क्यों मारे गए? वे कहां मारे गए.''''
भारत-चीन सीमा पर स्थिति के बारे में चर्चा करने के लिए शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक पर सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘शुरू में ही प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया था कि न तो वहां हमारी सीमा में कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई चौकी किसी दूसरे के कब्जे में है.''
प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को कहा कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों की ‘‘शरारतपूर्ण व्याख्या'' करने के प्रयास किए जा रहे हैं. पीएमओ ने स्पष्ट किया कि एलएसी के संबंध में मोदी की टिप्पणियों का आशय हमारे सशस्त्र बलों की वीरता के परिणामस्वरूप उत्पन्न स्थिति से था, जिन्होंने गलवान घाटी में अतिक्रमण की चीनी सैनिकों की कोशिश को विफल कर दिया. पूर्वी लद्दाख के अनेक क्षेत्रों में भारत और चीन की सीमाओं के बीच करीब छह हफ्ते से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित 20 भारतीय सैन्य कर्मी शहीद हो गए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया.
(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)
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